राजवी बताती हैं कि जब वे 32 साल की हुईं, तब उन्होंने नारी पहनावा अपना लिया और अपना नाम राजवी रखा। राजवी बताती हैं कि उनकी दुकान अच्छी चल रही है। हालांकि कुछ ग्राहक अभी भी उनकी दुकान पर आने से संकोच करते हैं, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि यह भेदभाव दूर होगा। राजवी कहती हैं कि आप हिम्मत नहीं छोड़ें। कोशिश करें, सफलता जरूर मिलती है।