परीक्षा के दिन पिता को हो गया था कैंसर, रो रोकर बेटी ने लिखे पेपर और बनकर ही मानी IAS अफसर
पंजाब. बेटियां घरों को रोशन करने वाली एक ज्योती होती हैं। उनके होने से घर में खुशियों की किलकारी हमेशा गूंजती रहती है। पर आज भी समाज में बेटियों को बोझ माना जाता है। इसकी वजह रूढ़िवादी सोच है। पर पंजाब के मोगा गांव की रहने वाली एक बेटी ने पिता का नाम रोशन कर गांव वालों को सोच को ही बदल डाला। उसके संघर्ष की कहानी आज भी लोगों की जुबान पर है। ये कहानी है एक आईएएस अधिकारी लड़की की जिसने पिता के कैंसर होने पर दर्द को अपने अंदर समेटकर एग्जाम पास किया।
लड़की का नाम रितिका जिंदल है। वो पंजाब की कुड़ी है। उन्होंने शुरुआती पढ़ाई-लिखाई वहीं से पूरी की है, इसके बाद वो दिल्ली के श्री राम कॉलेज से कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया। रितिका ग्रेजुएशन में 95 प्रतिशत अंक हासिल करने वाली टॉपर बेटी हैं।
रितिका ने ग्रेजुएशन के बाद कुछ बड़ा करने की सोची। उन्होंने देश का बड़ा अधिकारी बनने की ठान ली। वो पढ़ाई कर ही रही थीं कि परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। दरअसल जब रितिका अपनी यूपीएससी की पहली बार परीक्षा दे रही थी तो उनके पिता को टंग कैंसर हो गया था। इसके साथ ही जब वो दूसरी बार इस परीक्षा को देने वाली थी तब उनके पिता को लंग्स कैंसर हो गया था।
ऐसे में परिवार में तनाव और दुख का माहौल बना रहा। रितिका की पढ़ाई पर भी इसका असर पड़ा लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने इस जज्बे को बनाए रखा कि हर हाल में अपना सपना पूरा करना है। फिर वो दिन भी आया जब साल 2018 में यूपीएससी की परीक्षा में रितिका जिंदल ने 88 रैंक हासिल की है। यूपीएससी की परीक्षा में उन्होंने ऑप्शनल विषय के तौर कॉमर्स और अकॉउंटेन्सी को चुना। उन्होंने अपने ऑप्शनल विषय कॉमर्स और अकॉउंटेन्सी में 500 में 300 अंक हासिल किए थे।
मुश्किल हालातों में भी रितिका हार नहीं मानी और अपन इरादों को मजबूत बनाए रखा। उन्होंने इस हालात में भी मुस्कुराना सीखा। पिता की बिगड़ती तबियत को देखते हुए रितिका ने तय किया कि वो हिम्मत से लड़ेंगी और उनके लिए ही इस एग्जाम को पास करके दिखाएंगी। उन्होंने माना कि हरेक की जिंदगी में उतार-चढ़ाव आते हैं, लेकिन आप इन हार नहीं माने उससे उठे और तेज भागे।
रितिका ने ये सफलता सिर्फ 22 साल की उम्र में हासिल की। उनके मुताबिक इस परीक्षा के पैटर्न को लोग समझ ले तो इसे आसानी से क्रैक कर सकते हैं। रितिका के अनुसार इस परीक्षा को स्ट्रेटजी और मेहनत के तय करते हुए तैयारी करनी चाहिए। अगर आप पढ़ रहे हैं तो सिर्फ पढ़ने में ही नहीं बल्कि प्रैक्टिस करने पर भी ध्यान दें। किसी भी चीज की पढ़ाई करें लेकिन आखिर में रिविजन करना मत भूलें।
इसके साथ ही आप जनरल न्यूज से खुद को अपडेट रखें, यही नहीं अगर आप कॉमर्स के छात्र हैं तो बिजनेस के न्यूज को जरूर पढ़ें। इस परीक्षा में तैयारी के साथ आंसर राइटिंग भी उतनी महत्वपूर्ण है। इन छोटी-छोटी टॉपिक को ध्यान में रखकर इस परीक्षा को आसानी से क्रैक कर सकते हैं। रितिक के संघर्ष की कहानी से दूसरे छात्रों को भी प्रेरणा मिलती है, मुश्किलें घर की हों या बाहर की इनका डटकर सामना करें और सफलता हासिल करना चाहिए।