जीना है सिर्फ देश के लिए... सोच वाली एक इंजीनियर लड़की ऐसे बनी सेना में अफसर
नई दिल्ली. रविवार को 71वां गणतंत्र दिवस है। इससे पहले एक बार फिर कैप्टन तानिया शेरगिल चर्चा में हैं। वे गणतंत्र दिवस में परेड की कमान संभालेंगी। वे 147 जवानों वाले पुरुष कंटीजेंट का नेतृत्व करेंगी। इससे पहले तानिया ने सेना दिवस पर दिल्ली के करियप्पा परेड मैदान में पुरुषों की सभी टुकड़ियों का नेतृत्व कर इतिहास रचा है। तानिया गुरुवार को राजपथ पर हुई फुल ड्रेस रिसर्सल में भी नजर आईं। इस मौके पर हम उनसे जुड़ी कुछ खास बातें बता रहे हैं।
तानिया पंजाब के होशियारपुर से हैं। 5 फीट 10 इंच की तानिया सेना में जानें का श्रेय पिता को देती हैं। तानिया की तीन पीढ़ियों ने सेना में रहकर देश की सेवा की है। वे कहती हैं कि वे नाश्ते और खाने की टेबल पर बहादुरी की कहानियां सुन कर ही बड़ी हुई हैं।
तानिया सिग्नल कोर में कैप्टन हैं। वे चौथी पीढ़ी की सैन्य अफसर हैं। परेड की रिसर्सल के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, यह बेहद गर्व से भरा अनुभव है, यह एक अहम उपलब्धि है। मेरे लिए यह आशीर्वाद की तरह है।
तानिया का शुरू से ही देश सेवा का सपना था। वे बचपन में खिलौनों की जगह पिता के हथियारों से खेलती थीं। उनके पिता तोपखाने (अर्टिलरी), दादा बख्तरबंद और परदादा सिख रेजिमेंट में पैदल सैनिक के तौर पर रह चुके हैं।
वे कहती हैं कि इन सब चीजों में लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता। एक फौजी फौजी होता है। वह चाहें हिंदू हो या मुस्लिम, लड़का हो या लड़की। पंजाबी हो या मराठी। इसलिए आपको जो काम मिलता है, यह लिंग के आधार से ऊपर होता है। आपका कठिन परिश्रम इसे पाने में आपकी मदद करता है।
कैप्टन तानिया शेरगिल ने 2017 में सेना को जॉइन किया। वे चेन्नई के ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी से शामिल हुईं। तानिया शेरगिल सेना के सिग्नल कोर में कैप्टन हैं। उन्होंने नागपुर से इंजीनियरिंग की है।
सैनिकों के परिवार से होने के नाते उनका सेना में आना स्वाभाविक था। वे शुरुआत से ही देश सेवा करना चाहती थीं। उन्होंने बताया कि इंजीनियरिंग में रहते वक्त ही उन्होंने सेना के लिए अप्लाई किया था। इसके बाद उनका सिलेक्शन सेना में हो गया।