ऐसे बदला था डॉ भीमराव अंबेडकर का सरनेम, क्या आप जानते हैं बाबा साहेब की जिंदगी से जुड़े ये फैक्ट्स

करियर डेस्क. भारतीय संविधान के निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर (DR Bhimrao Ambedkar) का जन्म 14 अप्रैल 1891 में हुआ। देश में आज उनकी जयंती (ambedkar jayanti) मनाई जा रही है। बाबा साहेब अंबेडकर ने भारत का संविधान बनाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।  डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म मध्य प्रदेश के महू में हुआ था। इनके पिता का नाम रामजी सकपाल और माता का नाम भीमाबाई था। देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले भीमराव अंबेडकर को 1990 में देश के सर्वोच्च नागिरक सम्मान रत्न से सम्मानित किया गया था। आइए जानते हैं उनके जीवन  से जुड़े कुछ रोचक फैक्ट्स।  
 

Pawan Tiwari | / Updated: Apr 14 2022, 07:00 AM IST
110
ऐसे बदला था डॉ भीमराव अंबेडकर का सरनेम, क्या आप जानते हैं बाबा साहेब की जिंदगी से जुड़े ये फैक्ट्स

 अंबेडकर के एक टीचर महादेव ने उन्हें सरनेम दिया था। उनके कहने पर ही बाबा साहेब ने अपने नाम के आगे अंबेडकर जोड़ा था। पहले वह अपना सरनेम सकपाल लिखते थे। 

210

पंडित जवाहरलाल नेहरू की सरकार में प्लानिंग मंत्रालय चाहते थे डॉ भीम राव अंबेडकर लेकिन उन्हें कानून मंत्रालय दिया गया था।  
 

310

डॉ भीमराव अंबेडकर ने अपनी पढ़ाई के दौरान ही देश में समानता के अधिकार की बात की थी। वो हमेशा समानता के अधिकार के लिए संघर्ष करते रहे। 
 

410

महात्मा गांधी और डॉ भीमराव अंबेडकर के बीच कई बार मुलाकात हुई लेकिन उन दोनों के बीच कभी भी मतभेद खत्म नहीं हो पाए।
 

510

भीमराव अंबेडकर का रूचि शुरू से ही पढ़ने में थी। 1938 में भीमराव  अंबेडकर के पास करीब 8 हजार किताबों का संग्रह था जो उनकी मृत्यु तक 35 हजार के करीब पहुंच गया था। वो पढ़ने के लिए किसी को भी उधार नहीं देते थे। 
 

610

आंबेडकर देश के पहले आदमी थे जिन्होंने फॉरेन से डॉक्टरेट और इकोनॉमिक्स में डिग्री हासिल की थी। वो करीब 64 विषयों के मास्टर थे। 
 

710

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने देश में काम करने को घंटों को घटाया था। उन्होंने 14 घंटे के वर्किंग आवर को घटाकर 8 घंटे किया था।  
 

810

बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का पहला स्टैच्यू उनके जिंदा रहते हुए 1950 में बनाया गया था। ये स्टैच्यू आज भी कोल्हापुर शहर में लगा हुआ है। 
 

910

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना में डॉ भीमराव अंबेडकर ने अहम भूमिका निभाई थी। इसके साथ ही उन्होंने वित्त आयोग की स्थापना के लिए भी सबसे अहम रोल निभाया था। 
 

1010

राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे में पहले चरखा होता था। बाद में भीमराव अंबेडकर के कारण ही चरखे को हटाकर अशोक चक्र को जगह दी गई थी।
 

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos