'मेरी जान को खतरा है, लॉकडाउन खुलते ही दूंगी इस्तीफा'...कह चर्चा में आई IAS अफसर की पूरी कुंडली

गाजियाबाद. कोरोना आपदा और लॉकडाउन के बीच बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर लेडी अफसर काफी चर्चा में है। उन्होंने फेसबुक पर अपनी जान को खतरा बताकर सनसनी मचा दी है। इतना ही नहीं उन्होंने घोषणा की है कि वो लॉकडाउन खत्म होने के बाद अपना करियर भी खत्म कर लेंगी। उन्होंने इस्तीफे की घोषणा कर दी है लेकिन पूरी बात कोई नहीं जानता। लॉकडाउन में अचानक एक सिविल अफसर के इस्तीफे की खबर से हलचल मच गई। बीएसपी सुप्रीमो मायावती भी उनको समर्थन में आ गई हैं। इसके बाद से लेडी अफसर के बारे में हर कोई जानना चाहता है। 

 

करियर स्टोरी में हम आपको बताएंगे  IAS रानी नागर कौन हैं, वो किस बैच की अफसर हैं और क्यों विवादों में हैं? 

Asianet News Hindi | Published : Apr 26, 2020 7:28 AM IST / Updated: Apr 26 2020, 01:08 PM IST

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'मेरी जान को खतरा है, लॉकडाउन खुलते ही दूंगी इस्तीफा'...कह चर्चा में आई IAS अफसर की पूरी कुंडली

हरियाणा कैडर की आईएएस अफसर रानी नागर फेसबुक पर एक वीडियो को लेकर चर्चा में हैं। उन्होंने अपनी बहन के साथ वीडियो पोस्ट किया था। इसमें उन्होंने अपनी जान को खतरा होने की बाद कही। वीडियो में उन्होंने बहन रीमा नागर की जान को भी खतरा बताया। 

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रानी नागर उत्तर प्रदेश के गाज‍ियाबाद की रहने वाली हैं। वो 2014 बैच हरियाणा कैडर की आईएएस अफसर हैं। रानी 14 नवंबर 2018 से अतिरिक्त निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता व 7 मार्च 2020 से निदेशक अर्काइव का जिम्मा संभाल रही हैं।

 

उन्होंने 2013 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की थी। यह काफी दिलचस्प बात है कि वह IAS अधिकारी बनने वाली इतिहास की पहली गुर्जर महिला हैं। 
 

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सिरसा जिले के डबवाली में एसडीएम पद पर रहते हुए उन्होंने फेसबुक पर वीडियो के जरिए अपनी आपबीती सुनाई है। वीडियो में उन्होंने ये भी बताया कि दिसंबर 2019 से बहन के साथ चंडीगढ़ के सेक्टर-6 स्थित यूटी गेस्ट हाउस के कमरा नंबर 311 में किराए पर रह रही हैं। रानी ने दोनों बहनों की जान को खतरा बताते हुए एक मुकदमा संख्या भी बताई। इसे लेकर लोगों से अपील की है कि अगर उनके साथ कोई घटना होती है तो उनके मुकदमा संख्या के आधार पर पता लगाया जाए।

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आईएएस रानी नागर व उनकी बहन रीमा नागर ने 17 अप्रैल 2020 को जारी वीडियो में कहा कि अगर उन्हें कुछ हो जाए या वे लापता हो जाएं तो उनके इस वीडियो को बतौर बयान सीजेएम चंडीगढ़ की अदालत में विचाराधीन केस संख्या 3573/2019 में दर्ज कराएं। आईएएस रानी नागर ने कहा है कि वरिष्ठ आईएएस व चंडीगढ़ पुलिस के कुछ अफसरों के खिलाफ उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। 

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रानी ने गुरुवार सुबह अपने फेसबुक पोस्ट के जरिये लॉकडाउन के बाद इस्तीफा देने की बात कही। इससे राजनीति गलियारों और पूरे महकमे में भूचाल सा आ गया। हालांकि उन्होंने इस्तीफे की वजह साफ नहीं की। मीडिया ने उनसे बात करने की कोशिश तो वो भी पॉसिबल नहीं हो सका। यहां पढ़िए उन्होंने अपनी

फेसबुक पेज पर क्या लिखा-  

 

मैं रानी नागर पुत्री रतन सिंह नागर निवासी गाजियाबाद, गांव बादलपुर तहसील दादरी जिला गौतमबुद्धनगर. आप सभी को सूचित करना चाहती हूं, मैंने यह निर्णय लिया है कि आईएएस के पद से इस्तीफा दूंगी। अभी चंडीगढ़ में कर्फ्यू लगा हुआ है, इस कारण मैं व मेरी बहन रीमा नागर चंडीगढ़ से बाहर नहीं निकल सकते। चंडीगढ़ से आगे मार्ग में गाजियाबाद तक रास्ते भी बंद हैं। लॉकडाउन व कर्फ्यू खुलने के बाद अपने कार्यालय में इस्तीफा देकर व सरकार से नियमानुसार अनुमति लेकर बहन रीमा नागर के साथ वापस अपने पैतृक शहर गाजियाबाद आऊंगी, हम आपके आशीर्वाद व साथ के आभारी रहेंगे। 

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रानी नागर इससे पहली भी काफी चर्चा में रही हैं जब उन्होंने साल 2018 में पशुपालन विभाग में अतिरिक्त सचिव रहते एक अफसर पर उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। रानी नागर ने सन 2018 के दौरान एक सीनियर आइएएस पर गलत व्यवहार का आरोप लगाया था। यह मामला सीएम के दरबार में भी पहुंचा था। नागर ने एक कैब ड्राइवर पर भी अभद्रता का आरोप लगाया था।

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