इजरायल-फिलिस्तीन के झगड़े में एक्ट्रेस को लगी गोली, खुद बयां की खूनी मंजर की वो खौफनाक दास्तां

मुंबई। इजरायल (Israel) और फिलिस्तीन (Plaestine) के बीच चल रहा युद्ध और तेज होता जा रहा है। इसी बीच हाइफा शहर में शांतिपूर्ण प्रदर्शन में शामिल हुईं फिलिस्तीनी एक्ट्रेस मैसा अब्द इलाहदी को गोली लगने की खबर है। हालांकि कहा ये जा रहा है कि प्रदर्शन के दौरान इजरायली पुलिस ने एक्ट्रेस को गोली मारी है। सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए इलाहदी ने दावा किया है कि इजरायली पुलिस ने उनके पैर में गोली मारी, लेकिन वो अब इससे ठीक हो रही हैं। एक्ट्रेस ने उन सभी लोगों का शुक्रिया अदा किया है, जो उनकी मदद के लिए सामने आए। 

Asianet News Hindi | Published : May 13, 2021 12:41 PM IST

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इजरायल-फिलिस्तीन के झगड़े में एक्ट्रेस को लगी गोली, खुद बयां की खूनी मंजर की वो खौफनाक दास्तां

एक्ट्रेस ने अपनी पोस्ट में लिखा कि उसने कभी सोचा भी नहीं था कि उसे जिंदगी में कभी ऐसी कोई पोस्ट लिखनी पड़ेगी। इलाहदी ने अपने फैंस के साथ पोस्ट शेयर करते हुए बताया कि उसे कितना खराब लग रहा है। मैं जानती हूं कि हमारे अपने लोग इससे भी कही ज्यादा परेशानी का सामना कर रहे हैं। 

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इलाहदी के मुताबिक, रविवार को मैंने शांतिपूर्ण प्रदर्शन में हिस्सा लिया था। वहां हम सभी लोग मिलकर गा रहे थे और अपनी आवाज के दम पर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे थे। मैं खुद वहां गुनगुना रही थी और वहां हो रहे इवेंट्स को शूट कर रही थी। 
 

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इलाहदी ने आगे लिखा- मैं अपनी गाड़ी की ओर जा रही थी, तभी मैंने अपने करीब एक बम फटने की आवाज सुनी। पहले मुझे लगा कि मेरी जीन्स फट गई है। फिर मैंने आगे बढ़ने की कोशिश की लेकिन मैं ऐसा नहीं कर पाई। मैंने देखा कि मेरे पैर से खून टपक रहा है और मेरी चमड़ी बाहर आ चुकी है। तभी वहां एक लड़का मेरे पास आया और उसने मेरी मदद की। 
 

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एक्ट्रेस ने लिखा- मैं सोच रही थी कि अचानक मेरे साथ ये क्या हुआ? मुझे लगा कि उन्होंने मेरे पैर पर गोली मारी, क्योंकि पैर बुरी तरह जख्मी हो चुका था। मुझे नहीं पता कि वो एक स्टंट ग्रेनेड था या कुछ और। मैं सिर्फ इतना जानती हूं कि मैं दर्द से चीख रही थी। इजरायल फोर्स के सामने सभी लोग चिल्ला रहे थे और मैं वहीं दर्द के मारे चीख रही थी। 
 

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इलाहदी ने आगे लिखा- वहीं करीब स्थित एक पार्क में मुझे फर्स्ट एड दिया गया। किसी तरह मेरे पैर से खून बहना बंद हुआ। वहां मौजूद लोगों ने एम्बुलेंस बुलाई, जो आधे घंटे बाद आई। पुलिस उस जगह में किसी को अंदर आने नहीं दे रही थी और प्रदर्शन में जख्मी हुए लोगों की सेवा में जुटी थी। 
 

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इलाहदी के मुताबिक, उन्हें नहीं पता कि उस प्रदर्शन में कौन शामिल हुआ और कौन नहीं। वैसे, ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन में पुलिस ने हम पर हमला किया हो। 

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मैसा ने आखिर में लिखा कि मुझे इस बात पर कोई शक नहीं कि एक फिलिस्तीनी होने के नाते मुझे कई बार धमकियां मिल चुकी हैं। लेकिन इस बार साफ हो गया कि हम लड़ाई में हैं और हमें मौत से केवल एक ही चीज अलग रख रही है और वो है किस्मत।

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