दो प्यार, दो शादियां, आधी जिंदगी किराए के घर में गुजरी अमिताभ के पिता की, बिग बी से था खास लाड
मुंबई. 27 नवंबर को मशहूर कवि हरिवंश राय बच्चन की बर्थ एनिवर्सरी है। साल 1907 में यूपी के प्रतापगढ़ जिले के बाबू पट्टी गांव में उनका जन्म हुआ था। अमिताभ और अजिताभ बच्चन डॉ हरिवंश राय बच्चन की दूसरी बीवी की संतान हैं। पहली पत्नी से उन्हें कोई संतान नहीं थी। बता दें कि हरिवंश राय को बड़े बेटे अमिताभ से खास लाड था। अमिताभ को जब भी मौका मिलता है पिता की कविताएं सुनाने में पीछे नहीं हटते हैं।
Asianet News Hindi | Published : Nov 27, 2019 9:43 AM IST / Updated: Nov 27 2019, 03:14 PM IST
हरिवंश राय ने 24 जनवरी 1942 को रंगमंच करने वाली शिक्षिका तेजी सूरी से रजिस्टर्ड मैरिज की। इसके बाद हरिवंश अपना घर छोड़कर सिविल लाइंस इलाके के बंगले में किराए पर रहने चले गए। वे अपनी आधी जिंगदी किराए के घर में ही रहे थे। कायस्थ परिवार से ताल्लुक रखने वाले बच्चन का पंजाबी लड़की से शादी करना उनकी मां और घरवालों को मंजूर नहीं था। सास-ससुर ने कहा था कि ये बेमेल शादी है। और इसी वजह से तेजी जिंदगीभर अपने ससुराल नहीं गईं।
मई 1926 में जब हरिवंश राय कॉलेज में पढ़ रहे थे, तभी उनकी शादी इलाहाबाद की रहने वाली श्यामा देवी से कर दी गई थी। उस वक्त हरिवंश की उम्र 19 और श्यामा की उम्र 14 साल थी। शादी के 3 साल बाद 1929 में हरिवंश राय और श्यामा देवी का गौना हुआ। जब श्यामा देवी ससुराल आई तो वो बीमार थीं, बुखार से पीड़ित थीं।
इलाज के दौरान ही पता चला था कि श्यामा को टीबी है। ये जानकर हरिवंश राय को गहरा धक्का लगा था। करीब 10 साल तक साथ रहने के बाद 1936 में श्यामा की मौत हो गई।
हरिवंश राय ने अपनी जीवनी के प्रथम खंड में अपने दोस्त कर्कल और चंपा से रिश्तों के बारे में बड़ी बेबाकी से लिखा है। उम्र में बड़े होने के बावजूद दोनों की गहरी दोस्ती थी। दोस्त कर्कल की पत्नी चंपा से प्रेम-प्रसंग की वजह से ही हरिवंश हाईस्कूल का एग्जाम फेल हो गए थे। कर्कल को दोनों के रिश्ते के बारे में जानकारी थी, फिर भी उन्होंने कोई एतराज नहीं किया, बल्कि बीमारी के दौरान उन्होंने बच्चन से चंपा की देखभाल का वादा लिया था।
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में हरिवंश राय को अस्थार्इ अध्यापक के तौर पर पढ़ाने का मौका मिला। वो विश्वविद्याल के पास किराए के मकान में ही रहते थे। इसी बीच आइरिस नाम की र्इसार्इ महिला से उनकी मुलाकात हुर्इ था। दोनों की दोस्ती जल्दी ही प्यार में बदल गर्इ, लेकिन दोनों के बीच धर्म आड़े आ गया। उनके माता-पिता को किसी दूसरे धर्म की लड़की से हरिवंश की शादी करना मंजूर नहीं था।