पहली फिल्म पाने के लिए महीनों धक्के खाए गोविंदा ने, फिर गुमठी पर पान खाते वक्त खुली थी किस्मत
मुंबई। बॉलीवुड में नंबर वन सीरिज की फिल्मों से पॉपुलर हुए गोविंदा 56 साल के हो गए हैं। 21 दिसंबर, 1963 को विरार, मुंबई में जन्मे गोविंदा ने 1986 में आई फिल्म 'तन-बदन' से बॉलीवुड डेब्यू किया था। वैसे, अपने 33 साल लंबे करियर में गोविंदा ने एक से बढ़कर एक सुपरहिट फिल्में दी हैं, लेकिन पहली फिल्म पाने के लिए उन्हें काफी स्ट्रगल करना पड़ा था। गोविंदा ने अपने एक पुराने इंटरव्यू में खुद बताया था कि उन्हें अपना पहला रोल पाने के लिए कितनी मशक्कत करनी पड़ी थी।
कई महीनों तक ट्रेन में खाए धक्के : गोविंदा के मुताबिक, उनकी पहली फिल्म 'तन बदन' (1986) थी। काफी मेहनत के बाद उन्हें इसमें काम करने का मौका मिला था। स्ट्रगलिंग डेज में गोविंदा कई महीनों तक विरार से लोकल ट्रेन में धक्के खाते हुए मुंबई तक पहुंचते थे। इस सफर में गोविंदा के 4-5 घंटे सिर्फ आने-जाने में खराब हो जाते थे। बाद में गोविंदा खार (मुंबई) में अपने मामा के घर आकर रहने लगे और वहीं से काम की तलाश में इधर-उधर भटकते रहते थे।
न हाइट, न पर्सनैलिटी कह कर दिया था रिजेक्ट : गोविंदा के मुताबिक, ''मैंने अपनी एक्टिंग का एक वीडियो कैसेट बनाया। साथ ही रोशन तनेजा एक्टिंग इंस्टिट्यूट ज्वाइन किया। इसके अलावा फाइट क्लास और सरोज खान की डांस क्लास भी शुरू कर दी। एक दिन मैं अपना वीडियो कैसेट लेकर डायरेक्टर इस्माइल श्रॉफ के पास पहुंचा। उन्होंने मुझे देखते ही ये कहते हुए रिजेक्ट कर दिया था कि इसकी न तो हाइट है, न पर्सनैलिटी है और न ही वॉइस। अभी तो अमिताभ बच्चन की तरह हाइट वाले लोग चाहिए।''
गुमठी पर खा रहे थे पान और खुल गई किस्मत : गोविंदा के मुताबिक, एक बार वो दोस्त के साथ गुमठी में पान खा रहे थे। तभी बीआर चोपड़ा कैम्प के जनरल मैनेजर (विज्ञापन) रहे गूफी पेंटल की नजर मुझ पर पड़ी और वो मुझे बीआर ऑफिस के अंदर ले गए। इसके बाद वहां एक प्रोग्राम हो रहा था तो मुझसे एक्टिंग करवाई और मेरे सारे सीन वन टेक में ओके हो गए। बतौर न्यूकमर मेरा काम उन्हें पसंद आया तो उन्होंने मुझे एक घंटे की शॉर्ट फिल्म करने को दी। उस फिल्म को देखने के बाद मुझे लगा कि अपना काम करके दिखाया जाए, अपना वीडियो बनाया जाए क्योंकि उसको दर्शकों का अच्छा रिस्पांस मिलता है।
गोविंदा को ऐसे मिली पहली फिल्म : बहुत दिनों के बाद मैंने अपना वीडियो कैसेट मामा (आनंद सिंह) को दिखाया, जोकि एक फिल्म शुरू कर रहे थे और उसमें उन्हें मैच्योर हीरो की जरूरत थी। मामा ने जब मेरी कैसेट देखी तो उन्होंने अपने हीरो के साथ फिल्म की पूरी कॉस्टिंग और स्टोरी ही बदल दी और उसमें मुझे ले लिया। इस तरह मुझे अपनी पहली फिल्म 'तन-बदन' मिल गई। हालांकि इससे पहले यह बात सीक्रेट रखी गई थी कि मुझे फिल्म में सिलेक्ट कर लिया गया है।
जब थप्पड़ मार मामा ने बताया, तू ही है हीरो : दरअसल, एक दिन मैं रात को 8 बजे अपने कजिन के साथ घर पहुंचा। जनवरी का महीना था। तो वहां मेरे मामा ने कहा कि हमने फिल्म के लिए लड़का सिलेक्ट कर लिया है। इस पर मैंने सोचा पता नहीं किसको सिलेक्ट किया और कैसे? फिर मामा ने बोला कि तू आंख बंद कर, मैं तुझे उसकी फोटो दिखाता हूं। इसके बाद मैंने आंख बंद की तो उन्होंने मेरे गाल पर एक जोरदार तमाचा मारा तो मेरे गाल लाल हो गए। फिर मामा बोले तू ही इस फिल्म का हीरो है। ये सुनते ही मेरे गाल खुशी के मारे वाकई लाल हो गए।