गोविंदा के मुताबिक, उनकी पहली फिल्म 'तन बदन' (1986) थी। काफी मेहनत के बाद उन्हें इसमें काम करने का मौका मिला था। स्ट्रगलिंग डेज में गोविंदा कई महीनों तक विरार से लोकल ट्रेन में धक्के खाते हुए मुंबई तक पहुंचते थे। इस सफर में गोविंदा के 4-5 घंटे सिर्फ आने-जाने में खराब हो जाते थे। बाद में गोविंदा खार (मुंबई) में अपने मामा के घर आकर रहने लगे और वहीं से काम की तलाश में इधर-उधर भटकते रहते थे।