जयललिता जैसी दिखने के लिए कंगना ने खाई हार्मोन पिल्स, साइड इफेक्ट हुआ तो हो सकते हैं ये नुकसान

मुंबई. कंगना रनोट इन दिनों अपकमिंग फिल्म 'थलाइवी' में बिजी हैं। हाल ही में फिल्म से एक्ट्रेस के कई लुक्स भी सोशल मीडिया पर शेयर किए जा चुके हैं। ये फिल्म दिवंगत एक्ट्रेस और सीएम जयललिता के जीवन पर आधारित है। इसमें कंगना ने जयललिता की तरह दिखने के लिए जी तोड़ मेहनत की है। कंगना ने इसके लिए अपना करीब 6 किलो वजन भी बढ़ाया है।

Asianet News Hindi | Published : Feb 25, 2020 10:01 AM IST / Updated: Feb 25 2020, 03:41 PM IST

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जयललिता जैसी दिखने के लिए कंगना ने खाई हार्मोन पिल्स, साइड इफेक्ट हुआ तो हो सकते हैं ये नुकसान
कंगना ने एक इंटरव्यू में बताया था कि इस किरदार की डिमांड थी कि उनका शरीर भरा-भरा दिखाई दे। मंगर लंबी और पतली होने की वजह से उनके पेट और जांघों के पास फैट नहीं था। इसके लिए उन्होंने अपना 6 किलो वजन भी बढ़ाया। एक्ट्रेस ने अलग दिखने के लिए हार्मोन की माइल्‍ड डोज भी ली। इसके साथ ही उन्होंने अपनी डाइट भी बढ़ा दी थी। वो ज्यादा खाना खाने लगी थीं। ऐसे में बता रहे हैं हर्मोनल पिल्‍स के साइड इफेक्ट्स के बारे में।
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हर्मोनल पिल्‍स से एलर्जी हो सकती है। इसमें एक ऐसा पदार्थ पाया जाता है जिससे किसी भी महिला को एलर्जी हो सकती है। ऐसे में इसे बिना डॉक्‍टर से पूछे कभी नहीं लेना चाहिए। इसके अलावा अगर कोई महिला इसे ले रही है और उसे कोई बीमारी नहीं है तो भी इसे बिना डॉक्टर के सलाह के उसे नहीं लेना चाहिए।
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जानकारी के मुताबिक, हर्मोनल पिल्‍स लेने से शरीर में मौजूदा हार्मोंस डिस्टर्ब हो जाते हैं। कॉन्ट्रसेप्टिव पिल्स यानी गर्भनिरोधक गोलियां, शरीर में हॉर्मोन्स को इन्ट्रोड्यूस करती हैं जिससे शरीर में पहले से मौजूद हॉर्मोन्स डिस्टर्ब हो जाते हैं। ऐसे में पीरियड्स अनियमित हो जाता है।
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कुछ महिलाओं को तो गर्भनिरोधक गोलियां लेने के बाद उल्टी आना, चक्कर आना, सिर घूमना जैसी दिक्कतें भी महसूस होती हैं। साथ ही वजन बढ़ना, मूड स्विंग्स और ब्रेस्ट में टेंडरनेस आने की भी दिक्कत हो सकती है।
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एक रिसर्च में पाया गया कि वे महिलाएं जो कॉन्ट्रसेप्टिव पिल्स का सेवन कर रही थीं उनके दिमाग के हाइपोथैलमस वॉल्यूम में, उन महिलाओं की तुलना में जो गोली नहीं ले रहीं थीं, ज्यादा अंतर देखा गया है।
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हाइपोथैलमस ब्रेन का वह हिस्सा है जिससे सेक्स ड्राइव कंट्रोल होता है, साथ में स्लीप साइकल, मूड स्विंग्स और ऐप्टाइट यानी भूख भी। स्टडी के लीड ऑथर और रेडियोलॉजी के प्रफेसर डॉ लिप्टन ने कहा, 'शुरुआती स्टडी तो यह दिखाती है कि गर्भनिरोधक गोलियां ब्रेन फंक्शन पर असर डालती हैं, लेकिन इसके लिए और ज्यादा इन्वेस्टिगेशन करने की जरूरत है।'
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