कमालरुख खान अपनी पोस्ट में लिखती हैं कि 'हालांकि, शादी के बाद यही स्वतंत्रता, शिक्षा और लोकतांत्रिक मूल्य प्रणाली उनके पति के परिवार के लिए सबसे बड़ी समस्या बन गई थी। उन्होंने पढ़ी-लिखी और आजाद महिला को स्वीकार नहीं किया और धर्मांतरण का दबाव बनाने लगे। वो हर किसी धर्म का सम्मान करती हैं, लेकिन इस्लाम में परिवर्तित होने के उनके प्रतिरोध ने उनके और उनके पति के बीच की दूरियों को काफी बढ़ा दिया था। यहां तक की उनके लिए इतना मुश्किल हो गया था कि उनके पति-पत्नी के रिश्ते खराब हो गए थे। उनके बच्चों के लिए पिता बनने की उनकी क्षमता थी।'