इंडस्ट्री में नेपोटिज्म पर शिल्पा ने अपनी राय रखते हुए कहा - मुझे नहीं लगता कि अगर कोई बच्चा अपने पिता या मां के जैसा करियर चुन रहा है तो इसमें कुछ गलत है। भारत में तो ऐसा ही होता आया है। डॉक्टर का बेटा डॉक्टर, लॉयर का बेटा लॉयर, टीचर का बेटा टीचर, ज्वेलर का बेटा ज्वेलर, एक्टर का बेटा एक्टर बनता है। उनके लिए ये जर्नी थोड़ी आसान हो आती है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि उन्हें सफलता सिर्फ और सिर्फ उसी इंडस्ट्री में ही मिलेगी।