पंकज त्रिपाठी मनोज बाजपेयी को अपना गुरू मानते हैं। एक बार उन्होंने बताया कि जब वो होटल मौर्या में काम करते थे तो उस दौरान वहां मनोज वाजपेयी आकर ठहरे थे। मैं उनसे मिला और आशीर्वाद लिया। इसके बाद जब वो चले गए तो रूम सर्विस वाला आया और मुझे बोला कि मनोज बाजपेयी ने अपना स्लिपर यहीं छोड़ दिया है। जिसके बाद मैंने उनसे वो चप्पल ले लिया। मैं‘एकलव्य की तरह उस चप्पल में मैं अपना पैर डाल दूंगा, तो मेरा जीवन सफल हो जाएगा। ये कह कर भावुक हो गए थे। जिसके बाद उन्हें मनोज वाजपेयी ने गले लगा लिया था।