अल्लाह ने मेरे जीने की वजह छीन ली, फूट-फूटकर रोते हुए बोली दिलीप कुमार की पत्नी सायरा बानो

Published : Jul 07, 2021, 05:15 PM IST

मुंबई. 98 साल के दिलीप कुमार ने बुधवार को मुंबई के हिंदूजा अस्पताल में आखिर सांस ली। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनका अंतिम संस्कार सांता क्रूज कब्रिस्तान में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। वहीं, पति दिलीप कुमार को खोने का गम पत्नी सायरा बानो बर्दाश्त नहीं कर पा रही है। वे अपने होश-ओ-हवास खो चुकी है। पीपिंग मूव की रिपोर्ट की अनुसार हिंदूजा अस्पताल का कहना है कि दिलीप साहब की मौत की खबर सुनते ही सायरा बानो फूट-फूटकर रोने लगी। उन्होंने रोते हुए कहा कि अल्लाह ने मेरे जीना की वजह मुझसे छीन लिया। नीचे पढ़े पति दिलीप कुमार की मौत के बाद और क्या बोली सायरा बानो...

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अल्लाह ने मेरे जीने की वजह छीन ली, फूट-फूटकर रोते हुए बोली दिलीप कुमार की पत्नी सायरा बानो

अस्पताल का कहना है कि पति के जाने के बाद सायरा बानो सभी से दिलीप साहब के लिए दुआएं करने का कहने लगी। डॉक्टरों का कहना है कि सायरा कहने लगी - अब मैं किसके सहारे जिऊंगी। उनके बिना में जीने का सोच भी नहीं सकती। ऊपर वाले ने तो मेरे जीने की वजह ही छीन लिया। बता दें कि दोनों करीब 5 दशक से एक-दूसरे का निभा रहे थे।

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दिलीप कुमार और सायरा बानो के बीच 22 साल का अंतर था। बावजूद इसके दोनों का प्यार कभी कम नहीं हुआ। सायरा बानो, दिलीप साहब को कभी अकेला नहीं छोड़ती थी। इतना ही वे उन्हें अपना कोहिनूर कहती थी। 

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दिलीप कुमार और सायरा बानो, शाहरुख खान को अपना बेटा मानते थे। शाहरुख अक्सर उनसे मिलने घर जाया करते थे। गम के मौके पर शाहरुख अपनी मां सायरा बानो के करीब रहे। 

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बता दें कि दिलीप कुमार को राजकीय सम्मान के साथ सुपुर्द-ए-खाक किया गया। उन्हें आखिरी सलामी देने बड़ी संख्या में फैन्स इकट्ठा हुए। वही, भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस बल तैनात किया गया। 

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पति के अंतिम संस्कार में सायरा बानो की हालत काफी खराब थी। वे खुद से चल भी नहीं पा रही थी। उन्हें हाथ पकड़कर सहारा देना पड़ा। 

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रणबीर कपूर, दिलीप साहब को अंतिम देने पहुंचे। रणबीर ने इस दौरान सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए मास्क पहन रखा था।

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शाहरुख खान को जैसे ही दिलीप साहब के मौत की खबर पता चली वे तुरंत अपना काम छोड़कर उनके बांद्रा स्थित घर पहुंचे। और आखिर तक वे वहीं रहे। 

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रजा मुराद भी दिलीप साहब के अंतिम दर्शन करने पहुंचे। काले रंग के पठानी में नजर आए रजा मुराद ने मास्क नहीं पहना था बल्कि हाथ में पकड़ रखा था।

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