पापा सुनील दत्त के फेंके सिगरेट के टुकड़े खिड़की के नीचे बैठकर पीते थे संजय दत्त, फिर मिली थी ऐसी सजा

मुंबई. संजय दत्त (Sanjay Dutt) ने बॉलीवुड इंडस्ट्री में 50 साल पूरे कर लिए है। उन्होंने महज 11 साल की उम्र में 1971 में अपने पापा सुनील दत्त (Sunil Dutt) की फिल्म रेशमा और (Rreshma Aur Shera) से डेब्यू किया था। इस फिल्म में वे एक कव्वाली गाते नजर आए थे। वैसे, आपको बता दें कि संजय दत्त बतौर हीरो फिल्म रॉकी से डेब्यू किया था। उनकी पहली ही फिल्म हिट रही थी। वहीं, संजय दत्त की जिंदगी से जुड़ी कई बातें यूं तो लोग जानते हैं। लेकिन उनके बचपन का एक किस्सा है, जिसे शायद कम ही लोग जानते हैं। बता दें कि वे छोटी उम्र से ही गलत आदतों का शिकार हो गए थे। नीचे पढ़े संजय दत्त के बचपन से जुड़ी एक चौंकाने वाली कहानी और उनकी एक गलत हरकत से उन्हें सुनील दत्त ने सजा भी दी थी...

Asianet News Hindi | Published : Jul 24, 2021 10:58 AM IST

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पापा सुनील दत्त के फेंके सिगरेट के टुकड़े खिड़की के नीचे बैठकर पीते थे संजय दत्त, फिर मिली थी ऐसी सजा

नरगिस और सुनील दत्त के बेटे संजय दत्त ने अपना बचपन बेहद ही शान-ओ-शौकत में गुजारा। उनके पेंरेंट्स उनकी हर छोटी-बड़ी ख्वाहिश मिनटों में पूरी कर देते थे। इसी लाड़-प्यार की वजह से वे बुरी आदतों के शिकार हो गए। बहुत छोटी उम्र से ही उन्होंने सिगरेट पीना शुरू कर दिया था। इस बात का खुलासा खुद संजय दत्त ने अपने पिता के सामने किया था।
 

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संजय दत्त ने एक चैट शो में बताया- मैं उस वक्त 10 साल से भी कम उम्र का था और तभी मैंने सिगरेट पीनी शुरू कर दी थी। एक घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया था- मुझे याद है कि एक दिन पार्टी चल रही थी। डैड और उनके दोस्त सिगरेट पीकर खिड़की के बाहर फेंक रहे थे और मैं वहां लेटकर वही सिगरेट पी रहा था। और इसकी भनक सुनील दत्त को लग गई।
 

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वहीं, सुनील दत्त ने बताया था- जब संजय दत्त सिगरेट पीने लगे, तब मेरे मन में डर बैठ गया कि कही वो प्यार से बिगड़ न जाए, इसलिए संजय को बोर्डिंग स्कूल भेज दिया गया, जहां वो 10 सालों तक रहे थे। बोर्डिंग स्कूल में डिसिप्लिन होता है, इसलिए वहां भेजा था।

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हालांकि, बोर्डिंग स्कूल में संजय दत्त और बुरी आदतों का शिकार होते गए। बाद में उन्हें सिगरेट के अलावा ड्रग्स की आदत लग गई। इसके लिए वो एक साल तक अमेरिका के नशा मुक्ति केंद्र में भी रहे थे। संजय दत्त ने बतौर हीरो अपने फिल्म करियर की शुरुआत 1981 की फिल्म रॉकी से की थी। 

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1993 के मुंबई बम हमले में जब संजय दत्त का नाम आया तो उनकी इमेज पर इसका बेहद बुरा असर पड़ा, लेकिन इसी साल आई उनकी फिल्म खलनायक हिट रही। 2003 में जब उनकी फिल्म मुन्नाभाई एमबीबीएस रिलीज हुई तो उनके इमेज में बदलाव आया। 

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संजय के परिवार के पास पैसे की कोई कमी नहीं थी और माता-पिता दोनों अपने करियर में बिजी थे, इसी दौरान संजय ने कॉलेज जाना शुरू किया और इसी बीच वो गलत संगत में पड़ गए और उन्हें गांजा और ड्रग्स की लत लग गई। संजय को बचपन से ही पढ़ाई में कोई खास रुचि नहीं थी। लेकिन, पिता के कहने पर वह कॉलेज गए और अपना ग्रेजुएशन पूरा किया।

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संजय के पिता सुनील दत्त को संजय के गांजे और ड्रग्स की लत के बारे में कोई खैर खबर नहीं थी, लेकिन उनकी मां नरगिस को इसका एहसास हो गया था। उन्हें संजय पर तब शक हुआ जब वो अपने आपको एक कमरे में कैद रखने लग गए थे। पता चलने के बावजूद संजय की मां ने इस बात की जानकारी अपने पति सुनील दत्त को नहीं दी। उन्हें लगा कि वह अपने प्यार और अपने तरीके से संजय को लाइन पर ला सकती हैं। लेकिन, ऐसा नहीं हो पाया।
 

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सुनील दत्त को जब इस बात का पता चला कि उनका लाडला बेटा किस तरह से ड्रग्स की लत में गिरफ्तार हो गया है तो उन्हें बहुत बड़ा झटका लगा। उन्होंने संजय को काम में बिजी रखना शुरू कर दिया। उन्हें लगा कि इससे संजय दत्त के ड्रग्स लेने की  लत छूट जाएगी। इसके लिए सुनील ने एक दिन संजय को अपने ऑफिस डेब्यू फिल्म के लिए बातचीत करने के लिए बुलाया था। उस वक्त भी उन्होंने ड्रग्स की हाई डोज ले रखी थी। बेटे को ऐसी हालत में सुनील ने पहली बार देखा था।

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संजय के जीवन का वो वक्त कितना भयानक होगा इस बात अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि नरगिस की मौत पर रोने की बजाय संजय बहन प्रिया दत्त से चरस मांग रहे थे। क्योंकि उस समय संजय को नशे की लत इस कदर लग चुकी थी कि उन्हें पता ही नहीं था कि घर में क्या हो रहा है। उनकी ऐसी हालत देख सुनील पूरी तरह से टूट गए थे।

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