जब ऐश्वर्या राय के साथ सरेआम हुआ धोखा, हकीकत जान खुद को ठगा हुआ महसूस करती रही एक्ट्रेस

मुंबई। आमिर खान से कंगना रनोट तक, ऐसे कई बॉलीवुड स्टार्स हैं जिन्होंने अलग-अलग वजहों से अवॉर्ड शोज से दूरियां बना रखी हैं। अवॉर्ड शो में न जाने की एक वजह इनमें होने वाली राजनीति भी है। पॉपुलर चैट शो 'कॉफी विद करन' में कई बॉलीवुड सेलेब्स अवॉर्ड शो को फर्जी और बायस्ड भी बता चुके हैं। वैसे, ऐश्वर्या राय भी एक अवॉर्ड शो में धोखे का शिकार हो चुकी हैं। ये बात उन्होंने खुद कबूल की थी। 

Asianet News Hindi | Published : May 30, 2020 8:26 AM IST / Updated: Jun 01 2020, 01:24 PM IST
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जब ऐश्वर्या राय के साथ सरेआम हुआ धोखा, हकीकत जान खुद को ठगा हुआ महसूस करती रही एक्ट्रेस

डेक्कन क्रॉनिकल की रिपोर्ट के मुताबिक, इस तरह के अवॉर्ड फंक्शन में परफॉर्म करने के लिए बॉलीवुड सेलेब्स 75 लाख से 3 करोड़ रुपए तक लेते हैं। इनमें से कुछ तो परफॉर्मेंस से पहले ही अपना अवॉर्ड पाने के लिए दबाव बनाते हैं। 

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कुछ साल पहले ऐश्वर्या राय को भी इसी तरह की पॉलिटिक्स का सामना करना पड़ा था और एक अवॉर्ड शो में उनके साथ धोखा हुआ था। डेक्कन क्रॉनिकल की रिपोर्ट के मुताबिक, दरअसल ऐश्वर्या को पहले सूचना दी गई कि उन्हें संजय लीला भंसाली की फिल्म 'गुजारिश' के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड मिल रहा है। हालांकि, एक पावरफुल शख्स के दबाव में ऐन वक्त पर उनका नाम बदल दिया गया। 

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सिर्फ ऐश्वर्या ही नहीं, दिवंगत एक्ट्रेस श्रीदेवी को भी कुछ इसी तरह के धोखे का सामना करना पड़ा था। एक सीनियर फिल्ममेकर के मुताबिक, फिल्म 'इंग्लिश-विंग्लिश' के लिए श्रीदेवी को  बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड मिलना था लेकिन आखिरी समय में वह दूसरी एक्ट्रेस को दे दिया गया। ये वाकया देख श्रीदेवी और उनके पति बोनी कपूर हैरान थे और उन्होंने सीजन के सभी अवॉर्ड शो का बायकॉट करने का फैसला किया था। 

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साल 2012 में जब 'इंग्लिश विंग्लिश' रिलीज हुई तो उस वक्त विद्या बालन ने अपनी फिल्म 'द डर्टी पिक्चर' के लिए फिल्म फेयर अवॉर्ड जीता था। दूसरी ओर, गुजारिश 2010 में रिलीज हुई थी। इस दौरान विद्या बालन को फिल्म 'पा' में उनकी दमदार एक्टिंग के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड दिया गया था। 

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रंग दे बसंती फिल्म के डायरेक्टर राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने एक बार कहा था कि मैं फिल्म बिरादरी के प्रोपोगेंडा और बायस्ड होने की वजह से बेहद परेशान और शर्मिंदा हूं। हमारे पास ऐसे अवॉर्ड शोज हैं, जहां पूर्वाग्रह को एंटरटेनमेंट में बदल दिया जाता है।

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राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने यह भी कहा था कि ज्यादातर पॉपुलर अवॉर्ड शो बेकार हैं। वो सिर्फ बड़े मार्केटिंग इवेंट्स बनकर रह गए हैं। मेरी फिल्म 'ओह माय गॉड' भी इन अवॉर्ड शोज की बेहतरीन चूक थी, जिसे पॉपुलर अवॉर्ड कैटेगरी में कोई नॉमिनेशन नहीं मिला था। 
 

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एक्टर-डायरेक्टर तिग्मांशू धुलिया के मुताबिक, पान सिंह तोमर इरफान खान की सबसे बेहतरीन फिल्मों में से एक थी। फिल्म को अच्छे रिव्यू और दर्शकों का प्यार भी मिला लेकिन इसे पॉपुलर अवॉर्ड शोज में इग्नोर कर दिया गया। धुलिया के मुताबिक, इस तरह के अवॉर्ड शोज महज सैटेलाइट सेल्स के जरिए पैसा जुटाने के लिए ऑर्गेनाइज और प्रमोट किए जाते हैं। 

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