जब अमिताभ बच्चन को डॉक्टरों ने कर दिया था मरा हुआ घोषित तो ऐसा हो गया था पत्नी जया का हाल

मुंबई. सदी महानायक कहे जाने वाले एक्टर अमिताभ बच्चन ने अपने करियर में कई यादगार फिल्में दी हैं। इन्हीं फिल्मों के चलते वो आज भी लोगों के दिलों पर राज करते हैं, लेकिन इस बात को बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि एक बार बिग बी को डॉक्टर्स ने मरा हुआ घोषित कर दिया था। लॉकडाउन में इसके बारे में बता रहे हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Apr 28, 2020 2:55 AM IST / Updated: Apr 28 2020, 10:02 AM IST

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जब अमिताभ बच्चन को डॉक्टरों ने कर दिया था मरा हुआ घोषित तो ऐसा हो गया था पत्नी जया का हाल

वो समय था साल 1982 का जुलाई महीना, जब बिग बी हर चाहने वाले की सासें अटक गई थी, और पूरा देश मिलकर उनके जल्दी ठीक होने की प्रार्थना कर रहा था। दरअसल, 24 जुलाई, 1982 को फिल्म 'कुली' के एक सीन की बेंगलुरु में शूटिंग के दौरान एक्टर पुनीत इस्सर का घूंसा अमिताभ के मुंह पर पड़ते ही वह स्टील की टेबल पर गिरे और लुढ़कते हुए दूसरी ओर जा गिरे। 

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सीन काफी रियल लगा, इस पर उन्हें तालियां मिली। अमिताभ भी मुस्कुराए, लेकिन तभी उनके पेट में हल्का दर्द शुरू हुआ। कुछ देर बाद अमिताभ ने बताया कि टेबल का कोना उनके पेट में बुरी तरह चुभा है। उस समय अमिताभ ही नहीं बल्कि सभी को ये चोट मामूली सी लग रही थी, क्योंकि खून की एक बूंद भी नहीं निकली थी। शुरुआती जांच में कुछ नहीं निकला, लेकिन बच्चन को असहनीय दर्द हो रहा था। 

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फिर 27 जुलाई, 1982 को डॉक्टर्स ने उनके पेट का ऑपरेशन का फैसला किया और जब उनका पेट चीरा तो हैरान रह गए। अमिताभ के पेट की झिल्ली (जो पेट के अंगो को जोड़े रखती है और केमिकल्स से उन्हें बचाती है) और छोटी आंत फट चुकी थी। 28 जुलाई को ऑपरेशन के एक दिन बाद अमिताभ को निमोनिया भी हो गया। उनके शरीर में जहर फैलने लगा और खून पतला हो रहा था। ब्लड डेंसिटी को सुधारने के लिए बेंगलौर में सेल्स मौजूद नहीं थे, जिन्हें मुंबई से बुलवाया गया।

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फिर एयरबस के जरिए अमिताभ को 31 जुलाई की सुबह मुंबई ले जाया गया। उन्हें ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल के स्पेशल विजिलेंस वॉर्ड में रखा गया। 1 अगस्त को उनकी तबीयत में सुधार हो गया था, जबकि 2 तारीख को अचानक अमिताभ की कंडीशन फिर बिगड़ गई। शरीर में जहर फैलने की वजह से डॉक्टर्स ने दोबारा ऑपरेशन किया, जो 3 घंटों तक चला। 

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उस समय बिग बी की हालत काफी गंभीर थी, उन्हें दवाओं के साथ दुआओं की भी जरूरत थी, इसलिए देशभर में उनके लिए प्रार्थनाएं शुरू हो गई। धार्मिक स्थलों में लोग अमिताभ की सलामती की दुआ मांगने के लिए उमड़ पड़े और आखिरकार उनके स्वास्थ में सुधार आया।

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16 अगस्त को आखिर अमिताभ की सेहत में सुधार हुआ। वो खाने-पीने लगे और कुछ कदम चलने भी लगे, लगातार उनकी सेहत में सुधार होता गया। 24 सितंबर के दिन आखिरकार अमिताभ को ब्रीच कैंडी अस्पताल से छुट्टी मिल गई। लोगों की बेकाबू भीड़ उनका इंतजार कर रही थी। ठीक होने पर अपने प्रशंसकों का धन्यवाद देते हुए अमिताभ ने कहा था कि जिंदगी और मौत के बीच यह एक भयावह अग्नि परीक्षा थी। दो महीने का अस्पताल प्रवास और मौत से लड़ाई खत्म हो चुकी है। अब वो मौत पर विजय पाकर अपने घर लौटे हैं। 

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अमिताभ ने घर पहुंचकर हाथ हिलाकर अपने शुभचिंतकों का शुक्रिया अदा किया। इस वास्तविक सीन को ही फिल्म 'कुली' के अंतिम सीन के तौर पर इस्तेमाल किया गया था। इस पूरे घटना के दौरान जया बच्चन ने दिन-रात अमिताभ की सेवा की। चोट से ठीक होने को अमिताभ ने पुर्नजन्म माना और फिर जया के साथ खुशनुमा सफर शुरू करने का फैसला किया।
 

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एक इंटरव्यू के दौरान अमिताभ बच्चन ने खुलासा करते हुए कहा था कि डॉक्टरों ने उन्हें मेडिकली मृत घोषित कर दिया था। जया आईसीयू रूम के बाहर खड़ी सब देख रही थीं। डॉक्टर ने कोशिश बंद कर दी थी, तभी जया चिल्लाई और उन्होंने कहा कि बिग बी का पैर का अंगूठा हिलते देखा है, प्लीज कोशिश करते रहिए। डॉक्टरों ने उनके पैर की मालिश करनी शुरू की और उनके अंदर फिर जान आ गई।

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 फोटो सोर्स- गूगल।

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