मां की एक जिद के चलते करीना के करियर पर ताउम्र लगा ये दाग, इस वजह से निकाली गईं थी बाहर

Published : Sep 05, 2020, 07:38 PM ISTUpdated : Sep 05, 2020, 07:59 PM IST

मुंबई। ऋतिक रोशन के पापा और एक्टर, डायरेक्टर, प्रोड्यूसर राकेश रोशन 71 साल के हो चुके हैं। 6 सितंबर, 1949 को मुंबई में जन्मे राकेश का असली नाम राकेश रोशनलाल नागरथ है। राकेश रोशन ने कई सुपरहिट फिल्मों को डायरेक्ट किया है। इनमें 2000 में आई सुपरहिट फिल्म 'कहो ना प्यार' (2001) भी शामिल है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर करीना की मां बबिता जिद पर न अड़तीं तो ये सुपरहिट फिल्म करीना की डेब्यू फिल्म होती। दरअसल इस फिल्म में अमीषा से पहले करीना को साइन किया गया था। इतना ही नहीं, करीना ने फिल्म के कुछ सीन भी शूट कर लिए थे। लेकिन अपनी मां बबिता की एक जिद की वजह से उन्हें यह फिल्म बीच में ही छोड़नी पड़ी थी।

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मां की एक जिद के चलते करीना के करियर पर ताउम्र लगा ये दाग, इस वजह से निकाली गईं थी बाहर

मुहूर्त के बाद राकेश रोशन ने वर्सोवा के कॉन्वेंट विला में फिल्म 'कहो ना प्यार है' की शूटिंग शुरू की। करीना की शूटिंग के पहले दिन एक डांस फिल्माया जाना था। इसलिए उन्हें सपोर्ट करने के लिए मां बबिता और बहन करिश्मा भी मौजूद थीं।

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कोरियोग्राफर ने करीना को आसान स्टेप्स दिए क्योंकि वो पहली बार कैमरा फेस कर रही थीं। जैसे-तैसे पहला दिन खत्म होने तक करीना ने कुछ डांस स्टेप्स फाइनल किए। अगले दिन करीना की मां बबिता ने राकेश रोशन को फोन किया और बोलीं- करीना पहले दिन से ही डांस के लिए कम्फर्टेबल नहीं है, इसलिए आप उससे गाने की जगह शुरू में एक्टिंग सीन करवा लें।

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बबिता की यह बात सुनकर राकेश रोशन हैरान रह गए, क्योंकि वो गाने को शूट करने के लिए पूरा सेट तैयार करवा चुके थे। ऐसे में उन्होंने बबिता को समझाया कि करीना बेहतर काम कर रही है और उसे डांस करने में कोई दिक्कत नहीं है।

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लेकिन बावजूद इसके बबिता पर राकेश रोशन की बात का कोई असर नहीं हुआ और बहसबाजी के बाद उन्होंने गुस्से में फोन पटकने से पहले कहा- करीना के लिए पहले गाना नहीं फिल्म के सीन शूट कराए जाएं। अगर आप ऐसा नहीं कर सकते तो मैं करीना को यह फिल्म नहीं करने दूंगी।

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इसके बाद राकेश रोशन ने अपने दोस्त और करीना के पापा रणधीर कपूर से बात कर उन्हें बबिता को समझाने के लिए कहा, लेकिन इसका भी उन पर कोई असर नहीं हुआ। मीडिया में भी यह खबर आ गई कि बबिता राकेश रोशन को अनप्रोफेशनल डायरेक्टर बता रही हैं।

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बाद में एक इंटरव्यू में खुद राकेश रोशन ने बताया था कि अब करीना 'कहो ना प्यार है' में काम नहीं कर रही हैं। हालांकि रोकश रोशन ने करीना को फिल्म से बाहर निकालने की सटीक वजह नहीं बताई थी क्योंकि करीना के पिता रणधीर कपूर उनके बेहद करीबी दोस्त हैं।

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एक इंटरव्यू में बबिता पर इल्जाम लगाते हुए राकेश ने कहा था कि वो करीना की हेल्प करने के बजाय उनका करियर बर्बाद करने पर तुली हुई हैं। करीना एक नई एक्ट्रेस है, ऐसे में उसके साथ कैसे ट्रीट करना है ये एक डायरेक्टर को बखूबी पता है। सिर्फ इसलिए करीना के साथ स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं किया जा सकता कि वो करिश्मा कपूर की बहन हैं। 

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राकेश ने कहा, बबिता को मुझसे नरमी से बात करनी चाहिए थी, जैसे कि किसी न्यूकमर की मां करती है। लेकिन उनकी डिमांड तो कुछ अलग ही थी। बबिता की वजह से राकेश रोशन को काफी नुकसान हुआ। हालांकि बावजूद इसके उन्होंने अपने फ्रेंड रणधीर को इस बारे में एक बार फिर सोचने का मौका दिया। लेकिन इसके बावजूद भी बबिता अपनी बात पर अड़ी रहीं और फाइनली राकेश ने फिल्म के लिए अमीषा पटेल को साइन कर लिया।

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बाद में करीना की मां बबिता ने सफाई देते हुए कहा कि कमजोर स्क्रिप्ट की वजह से करीना ने यह फिल्म छोड़ दी है। हालांकि बाद में बबिता को डायरेक्टर जेपी दत्ता की फिल्म 'आखिरी मुगल' की स्क्रिप्ट काफी पंसद आई और उन्होंने करीना को यह फिल्म साइन करवा दी। लेकिन किन्हीं कारणों से यह फिल्म बन ही नहीं पाई।
 

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इसके बाद जेपी दत्ता ने अगली फिल्म 'रिफ्यूजी' शुरू की। बबिता के कहने पर उन्होंने इस फिल्म में करीना को ले लिया। इसमें उनके अपोजिट अभिषेक बच्चन थे और उनकी भी यह डेब्यू फिल्म ही थी। हालांकि 'कहो ना प्यार है' जहां सुपर-डुपर हिट साबित हुई वहीं, 'रिफ्यूजी' की गिनती आज भी फ्लॉप फिल्मों में होती है।
 

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इसके बाद करीना और ऋतिक 2001 में सुभाष घई की फिल्म 'यादें' में साथ नजर आए लेकिन यह फिल्म भी फ्लॉप साबित हुई। इसके बाद दोनों की जोड़ी इसी साल आई फिल्म 'कभी खुशी कभी गम' में साथ दिखी। करन जौहर की यह फिल्म सुपरहिट रही। बाद में दोनों ने 'मुझसे दोस्ती करोगे' (2002) और 'मैं प्रेम की दीवानी हूं' (2003) जैसी फिल्में कीं लेकिन ये भी सफल नहीं रहीं।

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