मुंबई. सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद से बॉलीवुड में कई पहलुओं को लेकर एक्टर्स सामने आ रहे हैं। इसमें नेपोटिज्म, ग्रुपिज्म और इनसाइडर्स-आउटसाइडर्स को लेकर बहस तेज हो गई है। इसके अलावा म्यूजिक कंपोजर ए आर रहमान ने बॉलीवुड गैंग के बारे में भी बात कर चुके हैं। वहीं, साउंड डिजाइनर और एडिटर रेसुल पुकुट्टी ने भी कहा था कि ऑस्कर जीतने के बाद भी साइडलाइन किया गया था।
इन सबके बीच बॉलीवुड के अवॉर्ड्स शो भी विवादों में है। कुछ समय पहले गीतकार मनोज मुंतशिर को अपने गाने 'तेरी मिट्टी' के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड नहीं मिला था तो वो काफी अहम हो गए और उन्होंने भविष्य में किसी भी अवॉर्ड शो में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया था।
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लेकिन, ऐसा पहली बार नहीं है जब अवॉर्ड्स शो को लेकर विवाद हुआ हो। बॉलीवुड के दिवंगत एक्टर ऋषि कपूर अपनी ऑटोबायोग्राफी में बता चुके हैं कि उन्होंने आज से 50 साल पहले 30 हजार रुपए देकर अवॉर्ड खरीदा था।
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ऋषि ने साल 1970 में अपने पिता राज कपूर की फिल्म 'मेरा नाम जोकर' में बाल कलाकार के रूप में अपने फिल्मी करियर शुरूआत की थी। इसके तीन साल बाद यानि 1973 में ऋषि कपूर ने लीड एक्टर के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की थी। इस फिल्म का नाम 'बॉबी' था।
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इसके सहारे डिंपल कपाड़िया ने भी डेब्यू किया था। इस फिल्म के लिए ऋषि को सर्वश्रेष्ठ एक्टर का पुरस्कार मिला था, लेकिन इसके लिए ऋषि ने 30 हजार रूपए दिए थे। ऋषि कपूर ने साल 2017 में आई अपनी आत्मकथा खुल्लम-खुल्ला में इस बात का जिक्र किया था।
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उन्होंने ये भी कहा था कि वो उस दौरान काफी यंग थे और अपनी फिल्म की सफलता से काफी खुश थे, इसलिए उन्होंने ऐसा कदम उठाने का फैसला किया था हालांकि वो इसे अपनी गलती मानते हैं और उन्होंने कहा था कि वे आज भी इस बात को लेकर पछतावा महसूस करते हैं।