सुकून की जिंदगी जीने की चाह में किया सरेंडर
हरदेश ने पुलिस को बताया की साहब, मैं अपने परिवार के साथ आराम की जिंदगी जीना चाहता हूं। मेरी पत्नी 6 महीने की गर्भवती है और नक्सली मेरी पत्नी का गर्भपात चाहते हैं। वह मुझपर दबाव बना रहे थे, मुझे जान से मारने की धमकी भी देते थे। इसलिए हम दोनों ने नक्सली संगठन छोड़ने का फैसला किया है। पुलिस ने दोनों की हिम्मत और बदले रवैये की चलते उनका स्वागत किया। साथ उनकी सुरक्षा की गारंटी दी।