बेटी-बहू को कंधा देते देख हर आंख हुई नम: जिस किसी ने बहू-बेटी को एक साथ अर्थी में कंधा देते हुए देखा तो उसकी आंखों से भी आंसू निकल आए। हर कोई यही कह रहा था कि हे भगवान ऐसे दिन किसी और ना दिखाना। इस अंतिम यात्रा में लॉकडाउन की वजह से कम ही लोग शामिल हो सके थे, रिश्तेदार भी नहीं आ पाए। अंतिम संस्कार भी बहू और बेटी ने मिलकर पूरी रीति-रिवाज के साथ किया और मृतक के नाती साहिल ने मुखाग्नि दी।