सामने आईं नक्सली हमला करने की तस्वीरें, महिला नक्सलियों ने विक्ट्री का साइन दिखाते हुए यूं मनाया जश्न


गरियाबंद (छत्तीसगढ़). शनिवार को बीजापुर के जंगल में हुए नक्सलियों और सुरक्षाबलों की मुठभेड़ में 23 जवान शहीद हो गए। इस हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। लेकिन नक्सली इतने पत्थर दिल निकले की उन्होंने जवानों को शहीद करने के बाद जश्न मनाया, इतना ही ही नहीं महिला नक्सली विक्ट्री का साइन दिखाते हुए नजर आईं। सोशल मीडिया पर मुठभेड़ के बाद एक वीडियो और कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं। जिसमे नक्सली अत्याधुनिक हथियारों के साथ फोटो खिंचवाते हुए नजर आ रहे हैं।

Asianet News Hindi | Published : Apr 5, 2021 12:18 PM IST

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सामने आईं नक्सली हमला करने की तस्वीरें, महिला नक्सलियों ने विक्ट्री का साइन दिखाते हुए यूं मनाया जश्न


एक फोटो में महिला नक्सली विक्ट्री का साइन बनाते दिखाई दे रही हैं। जैसे वह कहना चाहती हैं कि उन्होंने जवानों पर यह हमला कर कोई जंग जीत ली है। हाथ में हथियार के साथ उनके चेहरे पर मुस्कान भी है।

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वायरल तस्वीरों में कुछ नक्सली मुकाबला करते दिखाई दे रहे हैं तो वहीं कुछ मुठभेड़ के बाद खुशी मना रहे हैं। वहीं हमले के दो दिन बाद दंतेवाड़ा से नक्सलियों ने एक प्रेस नोट जारी कर जवानों को अपने चलाए जा रहे जन आंदोलन से जुड़ने की अपील की है। जिसमें उन्होंने कहा कि वह सरकार का साथ नहीं दें।

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वायरल हुए एक तस्वीर में महिला नक्सली खाने-पीने के सामन के साथ दिख रही हैं। जहां वह जंगल में एक जगह अपनी टीम के लिए खाना बनाती हुई नजर आ रही हैं। तो कुछ महिला नक्सली कुर्सी पर बैठे हुए आराम करते हुए दिख रही हैं। तो कुछ में वह हथियार लिए हुए हैं।

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बता दें कि वायरल वीडियों में नक्सली एक हाथ में वॉकी-टॉकी लिए हुए दिखाई दे रहे हैं तो दूसरे हाथ में वह हथियारों के साथ दिख रहे हैं। यह नक्सली सास राइफल से लेकर AK-47 और अन्य हथियार भी साथ में लिए हुए हैं। उनके इन हथियारों के जखीरा में एक राकेट लॉन्चर भी दिख रहा है। 

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वहीं दूसरी तरफ दंतेवाड़ा से नक्सलियों ने एक पर्चा जारी कर जवानों से अपील की है कि वह वह उनके जन आंदोलन में साथ आएं। साथ ही सरकार की तरफ से चलाए जा रहे  ऑपरेशन प्रहार का हिस्सा न बनें। राज्य सरकार का साथ ना दे। ना ही अपने बड़े अधिकारियों का फरमान मानें, क्योंकि वह जवानों का शोषण करते हैं। वह  दमनकारी नीतियां चला रहे हैं। उनका वेतन जनता का खून-पसीना है। यह पैसा ना तो पीएम मोदी का है और ना ही मुख्यमंत्री बघेल का। इसलिए वह हम लोगों का साथ दें। साथ ही उन्होंने पर्चे में लिखा कि जय-जवान और जय किसान के नारे के साथ सरकारें धोखा कर रही हैं।  75 साल होने के बाद ना तो जवानों को रोजगार मिला है और ना ही किसानों को इंसाफ मिला है। साथ ही उन्होंने 26 अप्रैल को भारत बंद करने की अपील भी की है।

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