वहीं दूसरी तरफ दंतेवाड़ा से नक्सलियों ने एक पर्चा जारी कर जवानों से अपील की है कि वह वह उनके जन आंदोलन में साथ आएं। साथ ही सरकार की तरफ से चलाए जा रहे ऑपरेशन प्रहार का हिस्सा न बनें। राज्य सरकार का साथ ना दे। ना ही अपने बड़े अधिकारियों का फरमान मानें, क्योंकि वह जवानों का शोषण करते हैं। वह दमनकारी नीतियां चला रहे हैं। उनका वेतन जनता का खून-पसीना है। यह पैसा ना तो पीएम मोदी का है और ना ही मुख्यमंत्री बघेल का। इसलिए वह हम लोगों का साथ दें। साथ ही उन्होंने पर्चे में लिखा कि जय-जवान और जय किसान के नारे के साथ सरकारें धोखा कर रही हैं। 75 साल होने के बाद ना तो जवानों को रोजगार मिला है और ना ही किसानों को इंसाफ मिला है। साथ ही उन्होंने 26 अप्रैल को भारत बंद करने की अपील भी की है।