करोड़ों में एक इस बेटी ने रचा इतिहास, मंत्री बधाई देने पहुंच रहे घर..जिसे एक साथ कई नौकरी के ऑफर


दुर्ग (छत्तसीगढ़). जब कोई बड़ी उपलब्धि हासिल करता है तो सबसे ज्यादा खुशी या गर्व उनके माता-पिता को होता है। लेकिन छत्तसीगढ़ की एक बेटी ने ऐसा इतिहास रचा है कि वह प्रदेश के लिए गौरव बन गई है। आम आदमी से लेकर मंत्री-सांसद उसे बधाई देने के लिए पहुंच रहे हैं। इतना ही नहीं खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर बधाई दी है। इस बेटी ने इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन (ISRO) की राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित वैज्ञानिक (सिविल) चयन परीक्षा में  देश में पहला स्थान हासिल किया है। आइए जानते हैं कैसे इस बेटी को मिली यह सफलता...

Arvind Raghuwanshi | Published : Apr 1, 2021 3:46 AM IST / Updated: Apr 01 2021, 10:56 AM IST

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करोड़ों में एक इस बेटी ने रचा इतिहास, मंत्री बधाई देने पहुंच रहे घर..जिसे एक साथ कई नौकरी के ऑफर


दरअसल, अपने दुर्ग शहर के साथ-साथ पूरे प्रदेश का मान बढ़ाने वाली इस बेटी का नाम सृष्टि बाफना है। जिसने वैज्ञानिक सिविल चयन परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। सृष्टि के साथ इस परीक्षा में पूरे देश से करीब 1 लाख से 80 हजार प्रतिभागी इस परीक्षा में शामिल हुए थे। जिसमें लिखित परीक्षा के बाद महज 124 स्टूडेंट इंटरव्यू के लिए चयनित हुए। फिर अंतिम रूप 1 लोगों का चयन हुआ। जिसमें सृष्टि बाफना ने पहला स्थान हासिल किया है।

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बता दें कि सृष्टि होली पर दिल्ली से अपने गांव कुसुमकसा पहुंची हुई है। पूरे परिवार और गांव में उत्सव जैसा माहौल है। जहां उसे बधाई देने वालों का तांता लगा रहा है। वहीं इस सफलता के बाद सृष्टि के खुशी के आंसू रुक नहीं रहे थे। उसने भारतीय स्पेस रिसर्च संस्थान में वैज्ञानिक पद पर चयनित होने पर अपने माता पिता और गुरुओं का आशीर्वाद बताया है।
 

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सृष्टि ने बताया कि भारतीय स्पेस रिसर्च की यह परीक्षा साल 2020 में आयोजित हुई थी। लेकिन कोविड-19 की वजह से इंटरव्यू आयोजित नहीं हो पाया था। फिर साल 2021 में  इंटरव्यू हुआ, जिसके बाद फाइनल परिणाम मार्च के महीने में आया।

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सृष्टि पढ़ने-लिखने में इतनी होशियार है कि उसका चयन इससे पहले ISRO, दिल्ली मेट्रो और कोल इंडिया तीनों प्रतियोगी परीक्षाओं में हो चुका है। उन्होंने बताया कि ISRO की इस परीक्षा  को UPSC ने आयोजित किया था। उन्होंने बताया कि इससे पहले इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस की परीक्षा में भी उनका चयन हो चुका था। लेकिन सृष्टि बचपन से ही स्पेस रिसर्च से जुडऩा चाहती थी। इसलिए कई सालों से इसरो की चयन परीक्षा की तैयारी कर रही थी। इसलिए उन्होंने किसी अन्य नौकरी नहीं की।
 

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बता दें कि सृष्टि पढ़ाई के अलावा संगीत में भी रुचि रखती हैं। उन्होंने खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय से डिप्लोमा प्राप्त किया है।  सृष्टि शुरू से ही होनहार छात्रा रही है। उन्होंने 12 वीं बोर्ड के बाद बीआईटी दुर्ग से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। उसके बाद आईआईटी दिल्ली से एमटेक किया है। 
 

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सृष्टि मीडिल क्लास फैमिली से ताल्लुक रखने वाली सृष्टि के पिता मोती बाफना व्यवसायी और माता प्रभा बाफना हाउस वाइफ है।  उनका बड़ा भाई कैमिकल इंजीनियर है। सृष्टि का परिवार पहले बालोद जिले के कुसुमकसा में रहता था। लेकिन साल 2002 में परिवार दुर्ग में आकर रहने लगा।
 

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 सृष्टि VS 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में राज्य स्तर पर 8वां स्थान हासिल किया था। माता पिता कहना है कि बेटी की शरू से ही टेक्निकल फील्ड में रुचि थी। इसलिए हम उसका सपना पूरा करने के लिए कभी पीछे नहीं हटे। ना ही हम लोगों ने कभी बेटी और बेटे में कोई भेद नहीं किया।

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