जब काम धंधा ठप हो गया और बाहर रहने का कोई विकल्प नहीं बचा तो आंध्र प्रदेश के कुर्नूल में रहने वाले एक मजदूर ने अपने घर छत्तीसगढ़ जाने की सोची। लेकिन, रास्ता लंबा होने के चलते उसके सामने समस्या थी कि वह अपनी दो दुधमुंही बेटियों को कैसे घर तक ले जाएगा। क्योंकि वह मासूम तो अभी पैदल चल भी नहीं सकती हैं। ऐसे में पिता ने अपनी बेटियों के लिए एक कांवड़ बना ली, जिसमें दोनों को बिठाया और उस कांवड़ को अपने कंधे पर लादकर इस भीषण गर्मी में सफर पर निकल पड़ा।