सुलगती सड़कें..बिलखते मासूम..पिता की छांव में इस तरह घर का सफर तय कर रहीं ये बेटियां, देखिए तस्वीरें

कुर्नूल/रायपुर. लॉकडाउन में काम-धंधा बंद होने हो जाने के बाद निराश होकर अपने घर लौट रहे मजदूरों और छोटे बच्चों की कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आई है जो आपका दिल को दहला देंगी। बेबस-असहाय मजदूरों के लिए अब चिलचिलाती धूप और तपती सड़कें भी सुकून भरी लगने लगी हैं। जो बच्चे थोड़ा-बहुत भी चल सकते हैं, वे चलने को तैयार हैं, लेकिन जो अभी चल नहीं सकते उनको पिता गोदी में लेकर हजारों किलोमीटर का सफर तय कर रहे हैं। ऐसी ही एक तस्वीर आंध्र प्रदेश से सामने आई है, जहां एक पिता 1200 किलोमीटर दूर अपने घर छत्तीसगढ़ जाने के लिए पैदल निकल पड़ा है।

Asianet News Hindi | Published : May 17, 2020 7:04 AM IST / Updated: May 17 2020, 01:01 PM IST

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सुलगती सड़कें..बिलखते मासूम..पिता की छांव में इस तरह घर का सफर तय कर रहीं ये बेटियां, देखिए तस्वीरें

जब काम धंधा ठप हो गया और बाहर रहने का कोई विकल्प नहीं बचा तो आंध्र प्रदेश के कुर्नूल में रहने वाले एक मजदूर ने अपने घर छत्तीसगढ़ जाने की सोची। लेकिन, रास्ता लंबा होने के चलते उसके सामने समस्या थी कि वह अपनी दो दुधमुंही बेटियों को  कैसे घर तक ले जाएगा। क्योंकि वह मासूम तो अभी पैदल चल भी नहीं सकती हैं। ऐसे में पिता ने अपनी बेटियों के लिए एक कांवड़ बना ली, जिसमें दोनों को बिठाया और उस कांवड़ को अपने कंधे पर लादकर इस भीषण गर्मी में सफर पर निकल पड़ा।

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कल तक मेहनत करके सुकून की दो वक्त की रोटी कमाकर अपने बच्चों का पेट पाल रहे थे। अब यह मजदूर हालात और किस्मत के बेचारे बन गए हैं। वह अब बेबस और मायूस हैं, आंखों में सपने सजोए चिल्लचिलाती धूप में अपने घर जाने के लिए सपर पर निकल पड़े हैं। तस्वीर में आप साफ तौर पर देख सकते हैं किस तरह एक मजबूर बाप अपने मासूम बच्चे को तपती दुपहरी में साइकिल पर इस तरह सवार कर ले जा रहा है। देखिए मासम को तीखी धूप में ही सो गया, उसको छांव की जरुरूत नहीं पड़ी।

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यह तस्वीर रायपुर से सामने आई है, जहां खेलने-कूदने वाली उम्र में यह मासूम घर जाने के लिए पैदल निकल पड़ा है। उसने एक हाथ में अपने छोटे भाई को संभाल रखा है तो दूसरे हाथ में एक रोटी पकड़ रखी है। 

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यह तस्वीर भोपाल के एनएच-12 की है, जहां यह महिला महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश जा रही है। जब कहीं छांव दिखी तो वह वहां बैठ गई और अपनी बिटिया के लिए चाय पिलाने लगी। मासूम बच्ची मां से यही पूछ रही होगी मम्मी और कितना चलना है, कब घर पहुंचेंगे।
 

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यह तस्वीर राजस्थान के भरतपुर से सामने आई है। जहां यह मासूम बच्चे चिलचिलाती धूप के बीच नंगे पैरों से तपती सड़क पर चलने को मजबूर हैं। मासूम चीख रहा है, फिर उसकी मां हाथ पकड़े हुए उसे घसीट रही है। एक हाथ में महिला ने अपने दूसरे बच्चे को पकड़ रखा है।

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तस्वीर में आप देख सकते हैं किस तरह एक महिला अपने बेटे के साथ घर जाने के लिए पैदल ही निकल पड़ी है। जब उसको छांव दिखी तो वह कुछ वक्त के लिए आराम करने लगी। लेकिन, सफर अभी बहुत लंबा है, यह तस्वीर राजस्थान से सामने आई है।

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तस्वीर में दिखाई से रही इस मजदूर महिला का नाम नीतू देवी है, वह हरियाणा के जींद से अपने घर यूपी आजमगढ़ जान के लिए तीखी धूप में बैठी है। वह गोद में अपनी बच्ची को लिए हुए है।

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