धमतरी, छत्तीसगढ़. जब कोई समस्या या परेशानी सिर पर आती है, तब जन्म लेता है कोई न कोई आविष्कार। अपने भारत में देसी जुगाड़ के जरिये कई काम की चीजें बनती रहती हैं। आपको मिलवाते हैं धमतरी के रहने वाले 67 वर्षीय रिक्शा चालक कैलाश तिवारी से। ये ई-रिक्शा चलाते हैं। पेट्रोल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए ईंधन के नये-नये विकल्प तलाशे जा रहे हैं। ई-रिक्शा (E-Rickshaw) इसी का नतीजा है। लेकिन तिवारीजी ई-रिक्शा की बैटरी को लेकर परेशान थे। बैटरी डिस्चार्ज होने पर रिक्शा कहीं भी पसर जाता था। तिवारीजी ने दिमाग दौड़ाया और रिक्शा के ऊपर सोलर प्लेट (Solar Plate) लगा दी। अब इसके जरिये बैटरी लगातार चार्ज होती रहती है। पढ़िए तिवारीजी के इस आविष्कार की कहानी...