अंबिकापुर, छत्तीसगढ़. कहते हैं कि मारने वाले से बचाने वाला बड़ा होता है। इस बच्ची (New born baby) के मामले में भी यही हुआ। यह जरूरी नहीं कि दुंधमुंहे बच्चे बड़ों की तरह ही साहस दिखा सकें। नवजातों का साहस उनकी चीखों-रोने में भी दिखता है। यह बच्ची भी इतनी जोर से चीखी कि मौत भाग खड़ी हुई। इस बच्ची को जन्म के तुरंत बाद रात के पहर में झाड़ियों में फेंक दिया गया था। बोरे में लिपटी पड़ी यह बच्ची जब चीखी, तो वहां से निकल रहे लोगों का ध्यान गया। उन्होंने तुरंत 108 को सूचना दी। इस तरह यह बच्ची बच गई। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मामला बेलदगी गांव का है। मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विभाग के प्रभारी डॉ. जेके रेलवानी ने बताया कि बच्ची को उसी गांव की महिला ने स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। आगे पढ़ें ऐसी ही बच्चियों की कहानियां...