आदेड़ गांव की रहने वाली 12 साल की जमलो मड़कम की मौत से उसके मां-बाप सदमे में हैं। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी 2 महीने पहले मजदूरी करने तेलंगाना के पेरूर गांव गई थी। उनके साथ गांव के ही कुछ और लोग भी थे। यहां उन्हें मिर्ची तोड़ने का काम मिला। इसी दौरान लॉकडाउन हो गया। कुछ दिनों तक यह परिवार वहीं रुका रहा। उन्हें उम्मीद थी कि लॉकडाउन खत्म हो जाएगा। लेकिन जब इसे 3 मई तक बढ़ा दिया गया, तो सब लोग घबरा गए। खाने-पीने के लाले पड़ने लगे। लिहाजा, 16 अप्रैल को जमलो और 11 लोग पैदल गांव के लिए निकल पड़े। पैदल चलते हुए अगले ही दिन जमलो की तबीयत बिगड़ने लगी। लेकिन लोग उसे दिलासा देते रहे। इस करीब 100 किमी चलने के बाद 18 अप्रैल को मोदकपाल इलाके के भंडारपाल गांव के पास जमलो बेहोश होकर नीचे गिर पड़ी और उसने दम तोड़ दिया।