सुकमा, छत्तीसगढ़. छोटे बच्चों का दिमाग बहुत शॉर्प होता है। उनके पास ढेरों सवाल होते हैं, जिनका वे समाधान ढूढ़ने में लगे रहते हैं। अब इसे ही देखिए। भला 8 और 5 साल के बच्चों से आप क्या उम्मीद करेंगे? यही कि वे खेलें-कूदें और खाएं-पीएं। मौजमस्ती करें। लेकिन यहां इन बच्चों ने लॉकडाउन में स्कूल आदि बंद होने का गजब फायदा उठाया। वे कहीं से कबाड़ में पड़े साइकिल के दो पहिये उठा लाए। अगले छोटे पहिये खुद जुगाड़ से बनाए और देसी तकनीक से यह गाड़ी तैयार कर दी। यह गाड़ी सिर्फ बच्चों के खेलने के काम नहीं आती, यह जंगल से लकड़ियां घर तक लाने में भी मददगार साबित हो रही है। इन आदिवासी बच्चों के मां-बाप जंगल से लड़कियां लाते वक्त बहुत थक जाते थे। इस गाड़ी ने उनकी परेशानी दूर कर दी है। जानिए पूरी कहानी...