बेटे अमित जोगी ने ट्वीट कर लिखा- पापा की कविता ‘वसीयत’ के अनुरूप गौरेला में उनकी समाधि को मोहलाईन के मुलायम पत्तों से लपेटके,उसको महुआ,चार,चिरौंजी,तेंदू और बेल के फलों से सजाकर,और उनकी मिट्टी को उनके अंचल की दो पहाड़ी नदियों-उनकी गंगा और जमुना-नर्मदा और सोन के उद्गम में बहाकर, मैंने उनकी ये चार इच्छाएं पूरी की।