पेंड्रा, छत्तीसगढ़. कोरोनाकाल (Corona infection) में मेडिकल स्टाफ की जिम्मेदारी काफी बढ़ गई है, लेकिन कुछ स्टाफ अपनी जिम्मेदारियां नहीं समझ रहे। ये घटनाएं यही दिखाती हैं। कोरोना के बहाने मरीजों का शोषण किया जा रहा है। मरीजों की देखभाल तो दूर...बिना पैसे उनका इलाज तक नहीं किया जा रहा है। प्रसव पीड़ा होने पर इस महिला को जिला अस्पताल लाया गया था। लेकिन यहां स्टाफ ने गर्भ में ही बच्चे की मौत होने का बताकर बिलासपुर सिम्स (Chhattisgarh Institute of Medical Sciences) रेफर कर दिया। वहां कोरोना के बहाने उसे भर्ती करने से मना कर दिया गया। अपनी पत्नी की जान खतरे में देखकर पति घबरा गया और वो उसे एम्बुलेंस से गौरेला के एक प्राइवेट अस्पताल ले गया। वहां 20000 रुपए खर्च करने पड़े। पढ़िए पूरी खबर...