Published : Jun 23, 2020, 04:57 PM ISTUpdated : Jun 23, 2020, 05:01 PM IST
नई दिल्ली. कोरोना वायरस दुनियाभर के लिए एक बड़ी मुसीबत है। मीडिया रिपोर्ट्स में एक स्टडी में पता चला है कि कोरोना से ठीक होने वाले हर तीन में से एक मरीज को जिंदगी भर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं और लंबे वक्त के लिए उनके फेफड़ों में नुकसान पहुंच सकता है। ब्रिटिश के एक अखबार ने इंग्लैंड की प्रमुख स्वास्थ्य एजेंसी नेशनल हेल्थ सर्विस के गाइडेंस के हवाले से इस स्टडी को छापा है और पुरी दुनिया में इसका खुलासा किया है।
ब्रिटेन के नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) के गाइडेंस के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि कोरोना से ठीक होने वाले 30 प्रतिशत मरीजों के फेफड़ों को नुकसान पहुंच सकता है। उन्हें लगातार थकान आने की समस्याएं और मानसिक तकलीफ भी हो सकती है। वहीं, आईसीयू में इलाज के बाद, जो मरीज ठीक हुए हैं उनमें से आधे लोगों को लंबे वक्त तक दिक्कतें आ सकती हैं।
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इसके साथ ही रिपोर्ट्स में हेल्थ एक्सपर्ट्स का ये भी कहना है कि इस बात के लगातार सबूत मिल रहे हैं कि कोरोना से शरीर को स्थाई समस्याएं हो सकती हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना से बीमार होकर ठीक होने वाले लोगों के दिमाग को भी नुकसान पहुंच सकता है और अलजाइमर का खतरा पैदा हो सकता है।
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एनएचएस के कोविड रिकवरी सेंटर के प्रमुख हिलेरी फ्लॉयड ने कहा कि उन्हें इस बात को लेकर चिंता हो रही है कि कोरोना के लंबे समय तक पड़ने वाले असर के बारे में बेहद कम जानकारी मौजूद है। काफी मरीजों को कोरोना निगेटिव होने के बाद भी इलाज की जरूरत पड़ती है।
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हिलेरी ने कहा कि उनके 40 से 50 साल के कई मरीज जो ठीक हो चुके हैं, अब वो कई तरह की दिक्कतों का सामना कर रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि ये लोग पहले सबकुछ खुद से करते थे, जिम, स्विमिंग, बिजनेस वगैरह, लेकिन अब कोरोना से निगेटिव होने के बाद भी वो अपने बेड से उठ नहीं पा रहे हैं।