गरीबी में बीता बचपन
चेतन सकारिया का क्रिकेटर बनने का सपना इतनी आसानी से पूरा नहीं हुआ। उनके पिता टेम्पो चलाते थे। हालांकि, पिता की तबियत खराब होने के कारण कुछ साल पहले उन्होंने काम भी छोड़ दिया था। इसके बाद चेतन को घर का खर्चा भी उठाना पड़ता था, जिसके लिए उन्होंने अपने मामा की दुकान में स्टेशनरी का काम किया। उनके मामा ने ना केवल उनकी आर्थिक मदद की, बल्कि उनके क्रिकेट करियर को आगे बढ़ाने का सपना पूरा किया।