जब हरभजन ने मैच के दौरान उकसाए जाने पर चिढ़ कर कहा था- तेरी मां की..., सायमंड्स ने होंठ पढ़ समझ लिया था कुछ और

Published : Jan 10, 2021, 12:53 PM IST

स्पोर्ट्स डेस्क: ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में खेले जा रहे भारत-ऑस्ट्रेलिया के तीसरे मैच के दौरान ऐसा वाक्या हुआ, जिसने लोगों के जेहन में आज से 13 साल पहले वहीं हुए मंकीगेट प्रकरण की याद दिला दी। अभी चल रहे टेस्ट मैच के दौरान दर्शकों ने मोहम्मद सिराज को फील्डिंग करने के दौरान नस्लभेदी कमेंट्स किये। इसके बाद खिलाड़ी ने इसकी शिकायत अम्पायर से की, जिसके बाद मैच को बीच में रोक पुलिस बुलानी पड़ी। पुलिस ने नशे में धुत्त दर्शकों को स्टेडियम से बाहर निकाल दिया। इस केस के बाद लोगों को जनवरी 2008 में हुए मंकीगेट केस की याद आ गई। आखिर क्या था मंकीगेट मामला... 

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जब हरभजन ने मैच के दौरान उकसाए जाने पर चिढ़ कर कहा था- तेरी मां की..., सायमंड्स ने होंठ पढ़ समझ लिया था कुछ और

जनवरी 2009 में हुए भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट मैच के दौरान एंड्र्यू सायमंड्स और हरभजन सिंह के बीच हुआ था मंकीगेट मामला। इस केस की वजह से ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम की काफी किरकिरी हुई थी। उस समय टीम के कप्तान रिकी पोंटिंग इस प्रकरण को अपने करियर का सबसे खराब दौर मानते हैं। 

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भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने अपनी बायोग्राफी प्लेइंग इट माय वे में इस केस का जिक्र किया था। इसमें उन्होंने साफ़-साफ़ लिखा था कि आखिर ये मामला था क्या? उन्होने रिकी पोंटिंग और उस समय मैच रेफरी माइक प्रॉक्टर पर इस मामले को तूल देने का आरोप लगाया था।  

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अपनी किताब में सचिन ने लिखा कि ये मामला सीरीज के दूसरे टेस्ट में हुआ था।  पहला मैच टीम इंडिया गंवा चुकी थी। इस कारण टीम के अंदर वापसी करने की ललक थी। दूसरे टेस्ट मैच में जब गेम शुरू हुआ तो टॉस ऑस्ट्रेलियाई टीम ने जीता। उन्होंने पहली पारी में 463 रन बनाए।  

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इसके जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी टीम इंडिया ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। उन्होंने पहली पारी में 532 रन बनाए। इसमें वीवीएस लक्ष्मण और सचिन का शतक शामिल था। मैच में हरभजन सिंह ने भी बेहतरीन बल्लेबाजी की। उन्होंने भी 50 राण बना लिए थे जब इस मामले की शुरुआत हुई।  

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अपनी किताब में सचिन ने लिखा कि ये मामला सीरीज के दूसरे टेस्ट में हुआ था।  पहला मैच टीम इंडिया गंवा चुकी थी। इस कारण टीम के अंदर वापसी करने की ललक थी। दूसरे टेस्ट मैच में जब गेम शुरू हुआ तो टॉस ऑस्ट्रेलियाई टीम ने जीता। उन्होंने पहली पारी में 463 रन बनाए।  

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सचिन ने अपनी किताब में लिखा कि उन्हें मैच के दौरान हरभजन सिंह कई बार बोल चुके थे कि सायमंड्स उन्हें उत्तेजित करने की कोशिश कर रहे हैं। सचिन ने उन्हें खेल पर फोकस रहने को कहा। लेकिन ऑस्ट्रेलियाई टीम उन्हें उकसाए जा रही थी। 

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इसी बीच हरभजन सिंह ने 1 रन लेने के बाद ब्रेट ली की पीठ थपथपा दी। ये देख सायमंड्स चिढ़ गए और हरभजन सिंह को काफी कुछ कहने लगे। बदले में गर्म खून वाले हरभजन सिंह ने हिंदी में तेरी मां की कहा, जिसे अंग्रेजी में सायमंड्स ने मंकी समझ लिया। इसे क्रिकेट में नस्लभेदी कमेंट माना जाता है। इसे लेकर ऑस्ट्रेलियाई टीम ने शिकायत कर दी। 
 

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इस मामले की वजह से टीम इंडिया काफी परेशान हो गई। मैच के दूसरी पारी में टीम इंडिया को 333 रन का लक्ष्य दिया गया था। इसे शायद टीम इंडिया पा भी लेती। लेकिन फिर शुरू हुआ खराब अंपायरिंग का दौर। एक के बाद एक इंडियन क्रिकेटर्स को गलत तरीके से आउट करार दिया गया। टीम ये मैच हार गई। 

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मैच के बाद हरभजन सिंह पर नस्लभेदी कमेंट के लिए तीन मैचों का बैन लगा दिया गया। लेकिन टीम इंडिया ने इसका कड़ा विरोध किया। उन्होंने सीरीज का बहिष्कार करने का मन बना लिया। बाद में मामले की जाँच में साफ़ हुआ कि हरभजन सिंह ने तेरी मां की कहा था ना कि मंकी। इसके बाद उन्हें बरी कर दिया। 

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