T-20 वर्ल्ड कप का वो मैच, जब लग रहा था अब पाकिस्तान जीत ही जाएगा...तभी हुआ था एक चमत्कार

स्पोर्ट्स डेस्क : क्रिकेट के इतिहास में महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) दुनिया के बेहतरीन कप्तानों में से एक रहे हैं। उनकी कप्तानी में भारत (India) ने 3 वर्ल्ड कप अपने नाम किए। जिसमें पहला टी20 वर्ल्ड कप (T20 world cup) भी शामिल है। 14 साल पहले 24 सितंबर 2007 के दिन ही धोनी के धुरंधरों ने पाकिस्तान को 5 रनों से मात देकर पहला टी20 वर्ल्ड कप अपने नाम किया था। आइए आपको बताते हैं, इस दिन के इतिहास के बारे में, कि कैसे धोनी के एक फैसले ने उनको दुनिया के बेहतरीन कप्तान बना दिया था....

Asianet News Hindi | Published : Sep 24, 2021 9:20 AM IST / Updated: Sep 24 2021, 03:28 PM IST
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T-20 वर्ल्ड कप का वो मैच, जब लग रहा था अब पाकिस्तान जीत ही जाएगा...तभी हुआ था एक चमत्कार

दिन था  24 सितंबर 2007, जगह थी साउथ अफ्रीका का जोहान्सबर्ग में इंपीरियल वांडरर्स स्टेडियम, जहां भारत और पाकिस्तान के बीच एतिहासिक पहले टी20 वर्ल्ड कप का फाइनल मैच खेला गया।

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इस मुकाबले में भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। भारत के सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग चोट के कारण मैच से बाहर हो गए। जिसके चलते यूसुफ पठान और गौतम गंभीर बल्लेबाजी करने के लिए मैदान पर आए। यूसुफ पठान 1 चौका और 1 छक्का लगाकर 15 रन पर तीसरे ओवर में मोहम्मद आसिफ का शिकार हो गए। उसके बाद आए रॉबिन उथप्पा 8 रन पर पवेलियन लौट गए। 

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एक समय भारत का स्कोर 40/2 पर था। इसके बाद गौतम गंभीर और युवराज सिंह ने टीम को एक मजबूती दी औ चौथे विकेट के लिए 63 रनों की पार्टनरशिप की। 14वें ओवर में युवराज (14) के आउट हो जाने के बाद गंभीर ने 8 चौकों और 2 छक्कों की मदद से सिर्फ 54 गेंदों में 75 रनों की पारी खेली।

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गंभीर की इस पारी के चलते टीम इंडिया ने मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 5 विकेट के नुकसान पर 157 रन का स्कोर खड़ा किया। लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तानी टीम को भारत ने पहले ही ओवर में झटका दे दिया। 

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इस बीच एक वक्त ऐसा आया कि, लगने लगा कि पाकिस्तानी बल्लेबाज मिस्बाह उल हक भारत से मैच छीन लेंगे, क्योंकि अपनी टीम के लिए 43 रन बनाए। लेकिन धोनी का मास्टर स्ट्रोक किस वक्त काम आता। 

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धोनी ने आखिरी ओवर जोगिंदर शर्मा को दे दिया। धोनी ने जैसे ही जोंगिदर की तरफ गेंद बढ़ाया उसे देख हर कोई हैरान रह गए, क्योंकि टीम में हरभजन सिंह जैसे अनुभवी गेंदबाज भी थे। लेकिन धोनी का फैसला सभी ने माना और जोंगिदर गेंदबाजी करने उतरे।
 

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हालांकि,  जोंगिदर की दूसरी गेंद पर मिस्बाह ने छक्का जड़ा। इसके बाद भारतीय खेमें में टेंशन और बढ़ गई। छक्का खाने के बाद धोनी ने जोंगिदर के साथ एक लंबी चर्चा की और वह फिर तीसरी गेंद फेंकने गए, तो मिस्बाह ने हवा में स्कूप शॉट खेलकर फाइन लेग की तरफ गेंद को मारा, लेकिन गेंद जैसे ही हवा में थी श्रीसंत बॉल के नीचे पहुंच गए और मिस्बाह के कैच को पकड़ने के साथ ही वर्ल्ड कप की ट्रॉफी भी पकड़ ली।

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भारत ने फाइनल में पांच रन से जीत दर्ज की और सबसे पहली टी 20 ट्रॉफी अपने नाम कर ली। इसके बाद, धोनी ने दो और आईसीसी ट्राफियां 50 ओवर का विश्व कप 2011 और चैंपियंस ट्रॉफी 2013 जीता।
 

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