स्पोर्ट्स डेस्क। आम तौर पर लोग सोचते हैं कि अगर कोई प्लेयर एक बार इंटरनेशनल क्रिकेट खेल ले तो उसके पास दौलत का अंबार लग जाता है। लोगों की यह सोच क्रिकेट खिलाड़ियों की लाइफस्टाइल और उनकी हाई स्टैंडर्ड ऑफ लिविंग को देख कर बनती है। लेकिन हर मामले में यह सच नहीं होता। भारत, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड जैसे बड़े देशों के खिलाड़ियों को छोड़ दिया जाए, तो गरीब देशों के कई ऐसे खिलाड़ी मिलेंगे जो काफी प्रतिभाशाली होने के बावजूद रिटायर होने पर तंगी में जीवन गुजारने पर मजबूर होते हैं। ऐसे ही एक खिलाड़ी हैं जिम्बाब्वे के रे प्राइस, जिन्होंने सचिन तेंदुलकर को 3 बार आउट किया था।