जिस बल्ले से धोनी ने भारत को जिताया था 2011 वर्ल्डकप, उसी बैट ने कई गरीब बच्चों को दी नई जिंदगी
नई दिल्ली. 2011 वर्ल्डकप में भारतीय कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने जिस बल्ले से छक्का लगाकर टीम इंडिया को विश्व विजेता बनाया था। वह बैट अभी भी देश और देश के लोगों के काम आ रहा है। हाल ही में धोनी ने इस बल्ले को बेचने का फैसला किया। नीलामी के दौरान बल्ले को लेकर 83 लाख की बोली लगी। जब धोनी इस बल्ले से खेल रहे थे, तब इसकी कीमत महज 4 से 5 हजार रुपये रही होगी, पर करोड़ों लोगों के भावों और यादों ने इसकी कीमत लाखों में पहुंचा दी। बल्ले की नीलामी से मिले पैसे को धोनी की पत्नी की संस्था साक्षी फाउंडेशन को दिया गया है। यह संस्था आर्थिक रूप से पिछड़े बच्चों की मदद करती है।
Asianet News Hindi | Published : Mar 6, 2020 12:38 PM IST / Updated: Mar 06 2020, 06:12 PM IST
धोनी के बल्ले को आरके ग्लोबल शेयर और सेक्योरिटीज ने खरीदा। क्रिकेट के इतिहास में किसी भी इंग्लिश विलो बल्ले के लिए दी गई यह सबसे बड़ी कीमत है।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी इस बल्ले को सबसे मंहगे बैट के रूप में जगह मिली है।
2011 में धोनी ने नुवान कुलशेखरा की गेंद पर इसी बैट से छक्का लगाकर इसे ऐतिहासिक बना दिया था।
वर्ल्डकप जीतने के बाद दूसरे छोर पर खड़े युवराज की खुशी देखते ही बनती थी।
साल 2011 में भारत ने 28 सालों बाद दूसरी बार वर्ल्डकप जीता था।
इस मैच में चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए भारतीय कप्तान ने 91 रनों की शानदार पारी खेलते हुए भारत को जीत दिलाई थी।
विश्व विजेता बनने के बाद युवराज जमकर धोनी के गले लगकर रोए थे। बाद में उन्हें कैंसर की शिकायत भी हुई थी।
युवराज ने इस पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया था और मैन ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब भी अपने नाम किया था।
धोनी के छक्का लगाते ही सारे खिलाड़ी मैदान में आ गए थे और पूरे भारत में टीम इंडिया की जीत का जश्न मनाया गया था।
2011 वर्ल्डकप जीत के मायने इस फोटो में कैद हैं। इन्ही भावनाओं की वजह से धोनी के बल्ले की कीमत 83 लाख पहुंच गई।