सिर्फ 4 रन देकर झटके थे 6 विकेट, 4 हजार से ज्यादा रन पर गुमनामी में जिंदगी काट रहा यह खिलाड़ी

नई दिल्ली. क्रिकेट सभी के साथ न्याय नहीं करता। U-19 विश्वकप में भारत को मिली हार और इसी मैच में यशस्वी जायसवाल के प्रदर्शन को देखने के बाद ये लाइनें खासी चर्चा में रही हैं। इससे पहले भी क्रिकेट जगत में कई खिलाड़ी ऐसे रहे हैं, जिनकी प्रतिभा के साथ न्याय नहीं हुआ। स्टुअर्ट बिन्नी का नाम भी ऐसे ही खिलाड़ियों में शामिल है। भारत के लिए सबसे बेहतरीन गेंदबाजी करने का रिकॉर्ड अपने नाम रखने वाले बिन्नी फिलहाल IPL से भी बाहर चल रहे हैं, इस सीजन में किसी भी टीम ने उन्हें नहीं खरीदा है। अपने खेल से ज्यादा यह खिलाड़ी पिता रोजर्स बिन्नी और पत्नी मयंती लैंगर की वजह से चर्चा में रहता है। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 11, 2020 1:29 PM IST

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सिर्फ 4 रन देकर झटके थे 6 विकेट, 4 हजार से ज्यादा रन पर गुमनामी में जिंदगी काट रहा यह खिलाड़ी
बिन्नी के पिता रोजर्स बिन्नी 1983 में वर्ल्डकप जीतने वाली टीम के फ्रंटलाइन तेज गेंदबाज थे।
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स्टुअर्ट बिन्नी की पत्नी मयंती लैंगर भी जानी-मानी खेल पत्रकार हैं। अपनी पत्नी के चलते बिन्नी अक्सर चर्चा में रहते हैं। कई बार उन्हें इस वजह से आलोचना का सामना भी करना पड़ता है।
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बिन्नी ने बांग्लादेश के खिलाफ साल 2014 में 4 रन देकर 6 विकेट झटके थे। इसके साथ ही उन्होंने दिग्गज लेग स्पिनर अनिल कुंबले का रिकॉर्ड तोड़ा था।
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अच्छे के साथ-साथ बिन्नी के नाम खराब रिकॉर्ड भी शामिल है। T-20 में एक ओवर में सबसे ज्यादा रन देने के मामले में भी बिन्नी दूसरे स्थान पर हैं। उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ एक ओवर में 32 रन खर्चे थे। इसके बाद शिवम दुबे ने एक ओवर में 34 रन खर्च कर बिन्नी का रिकॉर्ड तोड़ा था।
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भारत के लिए 6 टेस्ट खेलने वाले बिन्नी ने कुल 194 रन बनाए हैं। इस दौरान उनका सर्वोच्च स्कोर भी 78 रन रहा है।
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जबकि 6 टेस्ट में गेंदबाजी के दौरान भी उन्होंने सिर्फ 3 विकेट निकाले। उनका स्ट्राइक रेट भी 150 का था।
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स्टुअर्ट बिन्नी अपनी स्विंग के लिए जाने जाते थे। यही वजह है कि उन्होंने बांग्लादेश के पूरे बैटिंग लाइनअप को धाराशायी कर दिया था, पर वो लगातार इस प्रदर्शन को बरकरार नहीं रख सके।
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फर्स्ट क्लास मैचों में उन्होंने 4694 रन बनाए हैं, जिसमें 11 शतक भी शामिल है। हालांकि इंटरनेशनल लेवल पर बिन्नी इस प्रदर्शन को बरकरार नहीं रख सके।
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95 IPL मैचों में भी उन्होंने कुछ खास नहीं किया है। 68 पारियों में सिर्फ 880 रन और 48 का सर्वोच्च स्कोर इस बात की गवाही देता है कि यह खिलाड़ी खुद के साथ न्याय नहीं कर पाया।
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IPL से बाहर होने के बाद बिन्नी का करियर आखिरी पड़ाव पर माना जा रहा है। अगर अगले साल भी वो IPL में वापसी नहीं कर पाते हैं तो रणजी टीम में भी उन्हें मौका मिलना मुश्किल होगा।
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