14 सेंचुरी मारने वाले इस खिलाड़ी ने राजस्थान को जिताया था IPL, अब गुमनाम; कोई नहीं चाहता खरीदना
नई दिल्ली. IPL के पहले सीजन में जब सभी टीमों ने अपना पहला मैच खेला तो सबसे कमजोर प्लेइंग इलेवन राजस्थान रॉयल्स का माना जा रहा था। क्रिकेट के पबंडितों के हिसाब से कोई भी टीम फाइनज जीत सकती थी पर राजस्थान कतई नहीं। हालांकि इस सीजन में हुआ कुछ उल्टा ही। राजस्थान ने शेन वार्न की कप्तानी में IPL की पहली ट्राफी अपने नाम की। इस टीम की जीत में अहम योगदान था स्वपनिल असनोडकर का। एक युवा बल्लेबाज जिसने ओपनिंग की जिम्मेदारी संभाली और हर मैच में टीम को अच्छी शुरुआत देकर आउट हो रहा था। पूरे सीजन में इस खिलाड़ी ने कुल 400 रन बनाए और टीम की जीत में अहम योगदान निभाया, पर IPL की ट्राफी जीतने के साथ ही स्वपनिल के अच्छे दिन खत्म हो चुके थे।
पहले IPL में 400 रन बनाने वाले असनोडकर दूसरे सीजन में चोट के चलते एक भी मैच नहीं खेल पाए। यह सीजन साउथ अफ्रीका में खेला गया था और यहां भी उनसे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी।
IPL के तीसरे और चौथे सीजन में भी उन्हें सिर्फ 2 और 1 मैच खेलने का मौका मिला। इसके बाद उनका IPL करियर भी यहीं खत्म हो गया।
2012 से स्वप्निल कई बार नीलामी में तो शामिल हुए पर किसी भी टीम ने उन पर दिलचस्पी नहीं दिखाई।
अपने 20 IPL मैचों में स्वप्निल ने 21.15 के औसत से 423 रन बनाए हैं। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट भी 124.78 का रहा था।
88 फर्स्ट क्लास मैचों में स्वप्निल ने 40 के औसत से 5883 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने 14 शतक और 25 अर्धशतक भी लगाए।
गेंद के साथ भी असनोडकर ने अपना हाथ आजमाया पर कुछ खास नहीं कर सके। अपने पूरे फर्स्ट क्लास करियर में उन्होंने सिर्फ एक ही विकेट लिया।
85 लिस्ट ए मैचों में उन्होंने 6 शतक और 19 अर्धशतक के साथ 2858 रना बनाए। उनका औसत भी 36.17 का रहा।
साल 2019 में गोवा की टीम से उन्हें यह कहकर बाहर कर दिया गया कि उनके कारण टीम में युवा खिलाड़ी अपनी जगह नहीं बना पा रहे हैं।
इसके बाद भी स्वप्निल ने हिम्मत नहीं हारी और उन्होंने टीम में वापसी की उम्मीद जताई थी।
फर्स्ट क्लास मैचों में उन्होंने 254 रनों की नाबाद पारी भी खेली थी, पर उनकी यह पारी भी उन्हें भारतीय टीम में जगह नहीं दिला पाई।