नई दिल्ली. टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह कैंसर होने के बाद लगातार नई परेशानियों का सामना कर रहे थे। भारतीय टीम को वर्ल्डकप विजेता बनाने के बाद इस चैंपियन खिलाड़ी को जश्न मनाने का मौका भी नहीं मिला था। युवी को कैंसर की शिकायत होने के बाद उनका जीवन पूरी तरह से बदल गया था। वो जल्द से जल्द ठीक होकर मैदान में वापसी करना चाहते थे, पर कैंसर इतनी आसानी से खत्म होने वाली बीमारी नहीं थी। इलाज के दौरान उनकी एनर्जी लगातार खत्म हो रही थी। गंजापन भी बढ़ता जा रहा था। उदासी और अकेलापन उन्हें घेर रहा था, पर उन्होंने न सिर्फ इन चीजों पर जीत हासिल की बल्कि, कैंसर के खिलाफ जंग में बाकी लोगों का सहारा भी बने। अपनी किताब 'द टेस्ट ऑफ माइ लाइफ' में भी उन्होंने इस बात का जिक्र किया है।