नई दिल्ली. सिक्सर किंग के नाम से मशहूर युवराज सिंह से दुनिया का हर गेंदबाज खौफ खाता था। बड़े शॉट लगाने की अपनी काबिलियत के चलते युवराज हर गेंदबाज के खिलाफ तेजी से रन बनाते थे और कोई भी गेंदबाज उन्हें गेंदबाजी नहीं करना चाहता था। 2007 वर्ल्डकप में इंग्लैंड के तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड को 6 छक्के लगाने के बाद युवराज की छवि और बदल गई थी और गेंदबाज उन्हें आउट करने की बजाय नॉन स्ट्राइक में रखना ज्यादा पसंद करते थे। पर युवराज को भी श्रीलंका के मुथैया मुरली धरन से डर लगता था। उन्होंने खुद स्पोर्ट्स स्टार के साथ बातचीत में यह बात कबूल की है। मुरलीधरन के अलावा ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज तेज गेंदबाज ग्लेन मैकग्रा की ऑउटस्विंगर गेंदों से भी उन्हें परेशानी होती थी।
युवराज कुल 6 बार मुरलीधरन के शिकार हुए हैं। उन्हें इस दिग्गज गेंदबाज को खेलने में खासी परेशानी होती थी।
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मुरलीधरन के खिलाफ युवराज के अलावा भी कई खिलाड़ियों को खासी परेशानी होती थी। उन्होंने इसी वजह से कई बल्लेबाजों को लगातार अपना शिकार बनाया है।
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संन्यास लेने से पहले इस गेंदबाज ने इंटरनेशनल क्रिकेट में ढेरों विकेट चटकाए थे। उनकी गेंद किस तरफ घूमेगी इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल होता था।
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युवराज ने मुरलीधरन से परेशान होने के बाद सचिन से मदद मांगी थी और सचिन ने उन्हें स्पिन खेलने का सबसे आसान तरीका अपनाने की सलाह दी थी।
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सचिन की सलाह मानकर युवराज ने मुरलीधरन को स्वीप करना शुरू कर दिया था। इसके बाद उन्होंने काफी आसानी से उनके खिलाफ रन बनाए।
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टेस्ट क्रिकेट में युवराज सिंह को ग्लेन मैकग्रा की आउटस्विंगर गेंदों से भी परेशानी होती थी। वो 2 बार इस दिग्गज गेंदबाज का शिकार बने थे।
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वनडे क्रिकेट में वापसी के बाद मिशेल जॉनसन ने भी अपनी बाउंसर से युवी को काफी परेशानी में डाला था।
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हालांकि युवराज को आमतौर पर तेज गेंदबाजों के खिलाफ शॉट लगाने में आसानी होती थी। उन्होंने इंग्लैंड के स्टुअर्ट ब्रॉड के खिलाफ एक ओलर में 6 छक्के भी लगाए थे।
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युवी ने साल 2000 में सौरव गांगुली की कप्तानी में डेब्यू किया था। दादा उनके पसंदीदा कप्तान भी हैं।
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युवराज ने साल 2011 में वर्ल्डकप में शानदार प्रदर्शन किया था और भारत को वर्ल्ड चैंपियन भी बनाया था।