क्या मुश्किल में है केजरीवाल की हैट्रिक? मोदी-शाह की जोड़ी ने बदला दिल्ली का राजनीतिक समीकरण

नई दिल्ली. विधानसभा चुनाव के सियासी हालात में अचानक आए बदलाव ने राजनीतिक समीकरण को उलझा कर रख दिया है। अरविंद केजरीवाल विक्टिम कार्ड खेल रह हैं तो बीजेपी पहले की तुलना में ज्यादा आक्रामक है। वहीं, अभी तक शांत दिख रही कांग्रेस ने चुनाव के स्लॉग ओवर में अपने दिग्गजों को चनावी रण में उतारकर मुकाबले को दिलचस्प बनाने की कोशिश की है।

Asianet News Hindi | Published : Feb 5, 2020 5:45 AM IST
17
क्या मुश्किल में है केजरीवाल की हैट्रिक? मोदी-शाह की जोड़ी ने बदला दिल्ली का राजनीतिक समीकरण
दिल्ली चुनाव प्रचार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दो दिनों से सियासी माहौल को बीजेपी के पक्ष में करने की कोशिश की है तो कांग्रेस की और से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की भी एंट्री हो गई है। राहुल-प्रियंका की जोड़ी पहली बार किसी राज्य में एक साथ चुनावी प्रचार में उतरी है। प्रियंका ने सीधे तौर पर मोदी को निशाने पर लिया तो राहुल ने बीजेपी और केजरीवाल पर हमलावर रहे है।
27
शाहीन बाग बीजेपी के लिए बना संजीवनी- सीएए-एनआरसी के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में चल रहे आंदोलन पर हमले करके बीजेपी ने अपने कोर वोटबैंक को साधने की कोशिश की है, लेकिन उसकी निगाहें अभी भी कांग्रेस के प्रदर्शन पर टिकी हैं। वहीं, आम आदमी पार्टी की नजर सत्ता के सिंहासन पर लगी हुई है, जिसके लिए केजरीवाल ने मंगलवार को अपने घोषणा पत्र जारी करके वादों की झड़ी लगा दी।
37
शाहीन बाग मुद्दे ने दिल्ली चुनाव की सियासी फिजा को अचानक बदल दिया है। बीजेपी के आक्रामक प्रचार से चुनाव में सीएए के खिलाफ शाहीन बाग में हो रहा धरना चुनाव प्रचार का मुख्य केंद्र बन गया। इस मुद्दे ने बीजेपी को चुनावी लड़ाई में मुकाबले पर लाकर खड़ा कर दिया है।
47
मोदी-शाह ने बदल दिया दिल्ली की सियासी फिजा- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दो दिनों के प्रचार में शाहीन बाग मुद्दे को लेकर केजरीवाल और कांग्रेस पर निशाना साधा। साथ ही अमित शाह से लेकर योगी आदित्यनाथ और जेपी नड्डा समेट बीजेपी की पूरी टीम शाहीन बाग मुद्दे को लेकर अपने तेवर कड़े किए हुए हैं। माना जा रहा है कि शाहीन बाग मुद्दे के जरिए बीजेपी दिल्ली में ध्रुवीकरण की सियासी बिसात बिछाने में जुटी है।
57
दिल्ली में 40 फीसदी वोट के पार सत्ता- दरअसल दिल्ली में बीजेपी का मूल वोटबैंक 32 से 35 फीसदी हैं। अमित शाह और पीएम मोदी के आक्रामक प्रचार और शाहीन बाग के मुद्दे के तूल पकड़ने के बाद माना जा रहा है कि बीजेपी अपने कोर वोटरों को साधने में सफल होती नजर आ रही है। लेकिन इतने वोट से बीजेपी के 22 साल का सत्ता का वनवास खत्म नहीं होने वाला है, ऐसे में उसे आठ से 10 फीसदी वोट की और जरूरत है, क्योंकि 40 फीसदी के आंकड़े को पार करने के बाद ही सत्ता की कुर्सी मिलती है।
67
बीजेपी नेताओं की फौज दिल्ली के रण में- बीजेपी दिल्ली में अपने वोटबैंक को 40 फीसदी से अधिक जोड़ने के लिए अपने नेताओं की पूरी फौज राजधानी में उतार दिया है। बीजेपी के 250 सांसद अगले दो दिन तक झुग्गियों में दिन रात गुजारेंगे और पार्टी प्रत्याशी को जिताने के लिए अपनी जी जान लगाएंगे। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपने नेताओं को यह आदेश दे दिया है। इसके अलावा देश भर में बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और मंत्री दिल्ली की गलियों में जनसभाएं कर रहे हैं।
77
बीजेपी की नजर कांग्रेस के प्रदर्शन पर- दिल्ली में बीजेपी की नजर कांग्रेस के चुनावी प्रदर्शन पर भी है। कांग्रेस अगर दिल्ली में 20 फीसदी ज्यादा वोट हासिल करने में कामयाब रहती है तो केजरीवाल के लिए सत्ता की हैट्रिक लगाने का सपना चूर हो सकता है। दिल्ली की सियासत में पिछले दो चुनाव से देखा गया है कि कांग्रेस मजबूत होना बीजेपी के लिए संजीवनी की तरह है। यही वजह है की बीजेपी नेता कपिल मिश्रा कह रहे हैं कि दिल्ली में कांग्रेस पार्टी 25 सीटों पर मजबूत नजर आ रही है।
Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos