वो 6 मौके जब फेल हो गए दावे, जानिए कब कब गलत साबित हुए एग्जिट पोल

नई दिल्ली. दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election 2020) में 62.59 फीसदी वोटिंग हुई है। चुनाव आयोग का कहना है कि देर तक वोटिंग चलने के कारण वोटिंग प्रतिशत बताने में देरी हो गई। वहीं मतदान के बाद आए शुरुआती रूझाने का कहना है कि दिल्ली में एक बार फिर से आम आदमी पार्टी की सरकार बन सकती है। मतदान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद बहुत सर्वे एजेंसी और न्यूज चैनलों ने एग्जिट पोल जारी किया जिसमें 'आप' को बहुमत हासिल करते दिखाया गया। पर बात करें अगर एग्जिट पोल की तो ऐसा भी कई बार हुआ है जब एग्जिट पोल के दावे झूठे साबित हो गए। दिल्ली चुनाव के नतीजे घोषित होने से पहले हम आपको उन घटनाओं के बारे में बता रहे हैं जब एग्जिट पोल के दावों के उलट परिणाम सामने आए।
 

Asianet News Hindi | Published : Feb 10, 2020 3:04 PM IST / Updated: Feb 10 2020, 08:36 PM IST
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वो 6 मौके जब फेल हो गए दावे, जानिए कब कब गलत साबित हुए एग्जिट पोल
आइए जानते हैं देश में हुए चुनाव में कब-कब एग्जिट पोल के नतीजे झूठे साबित हो गए और सरकार बनती-बिगड़ती नजर आईं।
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हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019: हरियाणा की कुल 90 विधानसभा सीटों में हुए चुनाव में नतीजे के दिन शुरुआती रूझानों में अधिकतर न्यूज चैनल और सर्वे ने भाजपा को बहुमत मिलते हुए दिखाया। हालांकि राज्य में किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला। पोल में दावा किया गया था कि भारतीय जनता पार्टी को प्रचंड बहुमत मिल रही है जो कि गलत साबित हुआ और कांग्रेस की करारी हार का भी दावा किया गया था लेकिन इसके उलट कांग्रेस 31 सीटें जीतने में सफल रही। बहरहाल बीजेपी ने दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी के साथ मिलकर राज्य में सरकार का गठन किया।
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छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के ज्यादातर एग्जिट पोल में भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबले की बात कही गई थी। वहीं चैनलों सर्वेक्षण में तो भाजपा की सरकार बनने की भी बात कही गई थी, लेकिन परिणाम इसके उलट आए और कांग्रेस ने प्रचंड बहुमत हासिल करते हुए 69 सीटों पर जीत हासिल की। भाजपा मात्र 14 सीटों पर सिमटकर रह गई।
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पंजाब विधानसभा चुनाव 2017: 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले कुछ पोल में आम आदमी पार्टी को जीत मिलती हुई दिखाई गई। ज्यादातर एग्जिट पोल्स में ये अनुमान लगाया गया था कांग्रेस और आप के बीच कड़ी टक्कर है और अकाली दल-बीजेपी 10 सीटों से भी कम में सिमटने जा रहे हैं। जबकि नतीजे इसके बिलकुल उलट आए और कांग्रेस ने 59 के जादुई आंकड़े को पार करते हुए 77 सीटें हासिल की। जबकि आम आदमी पार्टी 20 सीटों में सिमट गई वहीं बीजेपी और अकाली दल ने 18 सीटें हासिल कीं।
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दिल्ली के चुनाव ने झुठलाए दावे: 2015 में दिल्ली में विधानसभा चुनाव हुए जिस दौरान हुए एग्जिट पोल का अनुमान था कि आप को 31 से 50 के बीच सीट मिलेंगी और भाजपा को 17 से 35 सीटें मिल सकती हैं। कांग्रेस को 03 से 07 सात सीटें मिलने का अनुमान था। लेकिन आम आदमी पार्टी ने प्रचंड बहुमत के साथ सारे दावे झुठला डाले। आप ने 67 सीटें जीतकर सभी दावों को खारिज कर दिया, अंत में भाजपा 3 सीटें लेकर गई और कांग्रेस के हाथ एक भी सीट नहीं आई।
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बिहार चुनाव में भी गलत अनुमान: बिहार में साल 2015 के चुनाव में महागठबंधन और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर का दावा किया गया। एग्जिट पोल में बीजेपी की सरकार बनने का दावा भी किया गया लेकिन परिणा घोषित हुए तो जदयू, राजद और कांग्रेस के गठबंधन ने 243 सीटों वाली विधानसभा में 178 सीटें झटकीं। भाजपा 53 सीटों पर सिमटकर रह गई।
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यूपी में भाजपा ने सबको चौंकाया: उत्तर प्रदेश में हुए 2017 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी, बसपा, बीजेपी के बीच राजनीतिक रणनीतिकार काफी उलझे हुए थे। एग्जिट पोल में गठबंधन की सरकार के अनुमान लगे लेकिन परिणाम घोषित हुए तो 403 विधानसभा सीटों वाले राज्य में भाजपा 312 सीटों के प्रचंड बहुमत से सत्ता में आई। इन नतीजों ने सभी को हिलाकर रख दिया था।
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