IAS अफसर बनने गांव से दिल्ली आया था आप का ये नेता, बदली किस्मत और ऐसे बन गए विधायक

नई दिल्ली. दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर रुझान आ चुके हैं। 62 सीटों पर आप और 8 पर भाजपा आगे है। कांग्रेस जीरो पर है। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2019 के लिए सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी, विपक्षी भाजपा और कांग्रेस से चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों में कई का बैकग्राउंड बेहद दिलचस्प है। चुनाव के मद्देनजर हम आपको ऐसे ही दिलचस्प नेताओं की कहानी बता रहे हैं। दिल्ली में मॉडल टाउन के विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी काफी चर्चा में रहे हैं। वे अपने गांव से दिल्ली आए तो थे आईएएस अफसर बनने का सपना लेकर मगर हालात ऐसे बने कि वो आप के विधायक बन बैठे। अखिलेश ने लागतर तीसरी बार जीत हासिल की है। इस बार बीजेपी के चर्चित उम्मीदवार कपोल मिश्रा को पराजित किया है। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 11, 2020 6:05 AM IST / Updated: Feb 11 2020, 08:06 PM IST
17
IAS अफसर बनने गांव से दिल्ली आया था आप का ये नेता, बदली किस्मत और ऐसे बन गए  विधायक
अखिलेश का जन्म 1984 में उत्तरप्रदेश के संत कबीरदास नगर में हुआ था। उनके पिता स्कूल टीचर थे। अपने जिले में स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद अखिलेश आगे की पढ़ाई पूरी करने के लिए इलाहाबाद चले आए यहां उन्होंने यूइंग क्रिश्चियन कॉलेज से आर्ट्स स्ट्रीम में ग्रैजुएशन पूरा किया। ग्रैजुएशन पूरा करने के बाद उन्होंने हिस्ट्री में पीजी भी कंप्लीट किया।
27
कॉलेज की पढ़ाई के दौरान अखिलेश का राजनीति से दूर-दूर तक नाता नहीं था। क्योंकि उनका सपना सिविल सर्विसेज का था। ग्रैजुएशन खत्म करने के बाद अखिलेश सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए दिल्ली आ गए।
37
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अखिलेश ने आईएएस के लिए यूपीएससी की प्री और में परीक्षा दो बार पास भी की पर दोनों प्रयास में इंटरव्यू राउंड क्लियर नहीं कर पाए। 2011 आते आते इंडिया अगेन्स्ट करप्शन का मूवमेंट देशव्यापी हो गया। इस मूवमेंट की अगुवाई अन्ना हज़ारे कर रहे थे और उनके साथ दिल्ली के मौजूदा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, कुमार विश्वास, योगेन्द्र यादव, प्रशांत भूषण और किरण बेदी जैसे कई चर्चित चेहरे थे।
47
2011 का ये आंदोलन युवाओं में तेजी से पैर पसार रहा था। दिल्ली इसका केंद्र बना हुआ था और तमाम युवाओं की तरह अखिलेशपति भी इससे अछूते नहीं रह पाए। वो अन्ना के आंदोलन में कूद गए। उन्होंने केजरीवाल के साथ अभियान में हिस्सा लिया और युवाओं को अपने साथ जोड़ने के लिए काम करने लगे। आईएएस की तैयारी छोड़कर अन्ना आंदोलन में उनकी सक्रियता से घरवाले खुश नहीं थे। अखिलेश रुके नहीं। ये आंदोलन राजनीतिक रूप से काफी सक्रिय रहा।
57
बाद में इंडिया अगेन्स्ट करप्शन को राजनीतिक विकल्प देने का मन बनाया गया और केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी की स्थापना हुई। हालांकि अन्ना इससे असहमत रहे और बाद में उन्होंने खुद को इससे अलग कर लिया। गठन के बाद आम आदमी पार्टी ने 2013 में दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ा। अखिलेश को भी मॉडल टाउन से उम्मीदवार बनाया गया। अखिलेश ने यहां से तीन बार के सीटिंग विधायक को हराकर चुनाव जीत लिया।
67
हालांकि त्रिशंकु स्थिति होने की वजह से विधानसभा चल नहीं पाई। आप ने 49 दिन के लिए सरकार बनाई मगर वह गिर गई और फिर राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। 2015 में विधानसभा को भंग कर फिर चुनाव की घोषणा हुई। आम आदमी पार्टी ने मॉडल टाउन से एक बार फिर अखिलेश पति त्रिपाठी को मैदान में उतारा। त्रिपाठी ने दोबारा भी ये सीट जीत ली। इस बार उनकी जीत का मार्जिन पिछले चुनाव से दोगुना था।
77
वैसे अखिलेश त्रिपाठी पर कई आरोप भी लगे। उनपर कथित तौर पर हमले भी हुए और अस्पताल भी जाना पड़ा था। अब अखिलेशपति मॉडल टाउन से तीसरी बार विधायक बनने की कोशिश में हैं। हालांकि यहां से अभी आप ने अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की है मगर माना जा रहा है कि इस युवा नेता को तीसरी बार मौका मिल सकता है।
Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos