1 तीर से 2 निशाना; मोदी के गढ़ से प्रियंका गांधी ने कुछ ऐसे की दिल्ली के चुनाव को साधने की कोशिश

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस किसी भी तरीके अपने पुराने सम्मान को वापस हासिल करने की कोशिश में लगी है। और इसे दलित अल्पसंख्यक वोटो के सहारे पूरा करने की तैयारी है। शुक्रवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गढ़ वाराणसी से दिल्ली की राजनीति साधने की कोशिश की। 

Anuj Shukla | Published : Jan 10, 2020 6:46 PM IST / Updated: Jan 11 2020, 02:57 AM IST
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1 तीर से 2 निशाना; मोदी के गढ़ से प्रियंका गांधी ने कुछ ऐसे की दिल्ली के चुनाव को साधने की कोशिश
दरअसल, इस वक्त देशभर में एनआरसी और सीएए को लेकर जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। शुक्रवार को प्रियंका वाराणसी में आईं और प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार हुए लोगों से मिलीं। फिलहाल नागरिकता कानून को लेकर कांग्रेस काफी मुखर है। पार्टी की कोशिश है कि इसके जरिए मुस्लिमों को अपने साथ जोड़ा जाए। मुसलमानों के अलावा दलितों पर भी कांग्रेस की नजर है।
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पार्टी दलितों को लुभाने के लिए भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर के पीछे खड़ी नजर आई है जो इस वक्त जेल में हैं। कांग्रेस ने कई मर्तबा चंद्रशेखर के लिए बयान दिए हैं। हाल ही में प्रियंका ने उनके स्वास्थ्य का हवाला देते हुए रिहा करने की भी मांग की थी। दिल्ली चुनाव में मुस्लिम और दलित मतदाता काफी अहम हैं। कांग्रेस की कोशिश है कि उन्हें अपने साथ जोड़ा जाए। इसी मकसद से शुक्रवार को प्रियंका रविदास मंदिर भी पहुंची और दिल्ली के दलित समुदाय को संदेश देने की कोशिश की।
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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से रविदास मंदिर से जुड़े कई दलित समुदाय के लोगों ने भी मुलाकात की थी। इस दौरान प्रियंका ने रविदास मंदिर को दोबारा से निर्माण कराने के मुद्दे को उठाने का वचन दिया था। प्रियंका ने ट्वीट करके बीजेपी पर निशाना साधा था और अब खुद वाराणसी में संत रविदास मंदिर पहुंच कर बड़ा दांव चला है।
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प्रियंका गांधी ने कहा भी कि काफी दिनों से यहां आने की इच्छा थी। अब देखना ये होगा कि मोदी के गढ़ से प्रियंका का ये दांव पार्टी के लिए कितना फायदेमंद साबित होता है। वैसे भी कांग्रेस इस वक्त दिल्ली में सियासी वजूद बचाए रखने के लिए काफी संघर्ष कर रही है।
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शीला दीक्षित के निधन के बाद इस वक्त कांग्रेस के पास कोई बड़ा चेहरा नहीं है जो केंद्र शासित राज्य में पार्टी के लिए कोई करिश्मा दिखा सके। दिल्ली में कांग्रेस के प्रदर्शन का सारा दारोमदार गांधी परिवार के कंधों पर ही है। पार्टी 2015 के चुनाव में खाता भी नहीं खोल पाई थी। अब दिल्ली जीतने के लिए जरूरी है कि दलित और अल्पसंख्यक मतदाता कांग्रेस के साथ जुड़े जो उससे टूट कर आप और बीजेपी के खेमे में चले गए हैं। वाराणसी मे प्रियंका के साथ कांग्रेस के कई दिग्गज नेता नजर आए। इनमें कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला, अजय राय और यूपी के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू प्रमुखता से शामिल रहे।
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