शौक से नहीं, बेरोजगारी की मार में सिंगर बने थे मनोज तिवारी, इंटरव्यू में बताया था दर्द

Published : Jan 22, 2020, 03:17 PM IST

नई दिल्ली: विधानसभा चुनाव भले ही 8 फरवरी को है लेकिन चुनवी सरगर्मी यहां काफी पहले से शुरू हो चुकी है। हर पार्टी ने अपना चेहरा मैदान में उतार दिया है। बात अगर बीजेपी की करें, तो उसमें भी मनोज तिवारी का चेहरा सबके लिए जाना-पहचाना है। उनकी बात करें और बिहार से उनके रिश्ते का जिक्र ना आए भला ये कैसे हो सकता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिंगर और एक्टर, साथ ही राजनीति में मजबूत स्थान पाने वाले मनोज तिवारी दरअसल टीचर बनना चाहते थे। जी हां, उनका गायकी में उतरना मज़बूरी थी। खुद मनोज तिवारी ने एक इंटरव्यू में इसका खुलासा किया था। 

PREV
19
शौक से नहीं, बेरोजगारी की मार में सिंगर बने थे मनोज तिवारी, इंटरव्यू में बताया था दर्द
मनोज तिवारी ने एक इंटरव्यू में अपनी जिंदगी से जुड़े कई अनजाने किस्से शेयर किये। इसमें उन्होंने बताया कि वो मज़बूरी में गायक बने थे। उन्हें गायकी का कोई शौक नहीं था।
29
मनोज तिवारी ने कॉलेज की पढ़ाई काशी हिन्दू विश्विद्यालय से की। उन्हें क्रिकेट खेलने का काफी शौक था। साथ ही कॉलेज में सभी स्टूडेंट्स के बीच मनोज तिवारी का नाम काफी मशहूर था। सब उन्हें काफी इज्जत देते थे।
39
उन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय से फिजिकल एजुकेशन से डिग्री ली। वो इसके ट्रेंड टीचर है। लेकिन उन्हें जॉब नहीं मिली। इस कारण उन्हें गायकी शुरू करनी पड़ी।
49
अपने गांव में एक शादी में आए नौटंकी वालों के साथ मनोज तिवारी ने पहला स्टेज शो किया। उसमें उन्हें 17 सौ रुपए इनाम मिला। इसी के बाद उनका रुझान गायकी को करियर बनाने की तरफ हुआ।
59
मनोज तिवारी के बड़े भाई ने उनके गायकी के करियर की शुरुआत की। कोलकाता में एक के बाद एक उनके भाई की मदद से उनके दो से तीन एल्बम निकले।
69
4 साल तक मनोज तिवारी ने टी-सीरीज के पास अपने गानों का एल्बम निकालने के लिए रिक्वेस्ट की। अचानक उनकी आवाज गुलशन कुमार के कानों में पड़ी। इसके बाद उनकी गायकी के करियर की सफल शुरुआत हुई।
79
गायकी में नाम कमाने के बाद उन्होंने 2004 में ससुरा बड़ा पैसावाला फिल्म के जरिए भोजपुरी सिनेमा में कदम रखा। ये फिल्म सुपरहिट हुई। ये फिल्म 50 हफ्ते तक सिनेमा हॉल से नहीं उतरी।
89
जब उन्होने गायकी और फिल्म में नाम कमा लिया, तब उन्होंने बिग बॉस में भी हिस्सा लिया। दर्शकों ने उन्हें काफी प्यार दिया।
99
2009 में उन्होंने राजनीति में कदम रखा। उन्होंने समाजवादी पार्टी का दामन थामा लेकिन सफल नहीं हुए। इसके बाद उन्होंने अन्ना हजारे के साथ उनके आंदोलन में सक्रीय हिस्सा लिया। बाद में उन्होंने बीजेपी के साथ राजनीति में आगे कदम बढ़ाया। और फिर 2014 में उन्होंने चुनाव लड़ा और जीत गए। एक बार फिर वो दिल्ली विधानसभा चुनाव में हाथ आजमा रहे हैं। मनोज

Recommended Stories