हिमाचल चुनाव 2022: इस सीट पर वोटों के लिए टकराएंगे रिश्ते, दामाद के सामने दांव पर होगी ससुर की साख

सोलन(Himachal Pradesh).  हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। हिमाचल में 12 नंवबर को वोटिंग होगी और 8 दिसंबर को चुनावी नतीजे घोषित होंगे। सभी राजनीतिक पार्टियां अलग-अलग हथकंडे अपनाने में जुटी हुई हैं। सूबे की दो प्रमुख पार्टियां बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे को पटखनी देने के लिए हर तरह की चाल चलने को तैयार हैं। इन सबके बीच सोलन विधानसभा सीट का मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है। इस सीट पर कांग्रेस ने जहां धनीराम शांडिल को मैदान में उतारा है वहीं बीजेपी ने उनके खिलाफ उन्हीं के दामाद डॉ राजेश कश्यप को टिकट देकर बड़ा दांव खेल दिया है।

Ujjwal Singh | Published : Oct 27, 2022 7:54 AM IST
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हिमाचल चुनाव 2022: इस सीट पर वोटों के लिए टकराएंगे रिश्ते, दामाद के सामने दांव पर होगी ससुर की साख

हिमाचल के सोलन में ससुर और दामाद की एक दूसरे के खिलाफ चुनावी जंग बेहद रोचक है। इस विधानसभा सीट पर मुकाबले में बड़ा पेंच फंस गया है। 2017 में भी ससुर और दामाद की यह जोड़ी आमने सामने थी, लेकिन तब ससुर ने बाजी मारते हुए दामाद को बेहद कम वोटों से पटखनी दी थी।   

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कांग्रेस प्रत्याशी धनी राम शांडिल दो बार विधायक रहे हैं। 2012-17 की कांग्रेस सरकार में वह समाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री रहे थे। आर्मी से रिटायर होने के बाद धनीराम शांडिल राजनीति में आए। सन 1999 में उन्होंने लोकसभा का चुनाव हिमाचल विकास कांग्रेस (हिविकां) की ओर से लड़ा और जीता।

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 2004 में धनी राम शांडिल ने फिर से कांग्रेस से लोकसभा का चुनाव लड़ा और सांसद चुने गए। सन 2012 में उन्होंने पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा और कांग्रेस के टिकट पर फिर से जीते।

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भाजपा उम्मीदवार राजेश कश्यप की बात करें उनके पास राजनीतिक अनुभव कम है। पेशे से डॉक्टर रहे राजेश कश्यप ने बीते विधानसभा चुनाव में नौकरी छोड़कर चुनावी रण में उतरने का फैसला किया था।अब यह उनका दूसरा विधानसभा चुनाव है। 

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सोलन से बीजेपी प्रत्याशी डॉ राजेश कश्यप कांग्रेस प्रत्याशी धनी राम शांडिल के दामाद हैं। राजेश कश्यप के भाई वीरेंद्र कश्यप शिमला से भाजपा के सांसद रह चुके हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में उनकी ससुर के सामने ही हार हुई थी।
 

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