कोरोना के बाद अब चीन के नकली अंडों से मचा बवाल, FACT CHECK में सामने आई सच्चाई

फैक्ट चेक डेस्क. China fake eggs: सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि आर्टिफिशियल और नकली अंडे बनाकर बेचे जा रहे हैं। लोगों को आगाह किया जा रहा है कि वो अपनी जान-पहचान वालों से ही अंडे खरीदें। दावे के मुताबिक, ये फर्जी अंडे चीन (China Fake Eggs)  में बन रहे हैं। बिल्कुल यही वीडियो व्हाट्सएप और ट्विटर पर भी वायरल है। 

फैक्ट चेक में इस वीडियो की पूरी सच्चाई सामने आई है- 

Asianet News Hindi | Published : Sep 13, 2020 9:13 AM IST
17
कोरोना के बाद अब चीन के नकली अंडों से मचा बवाल, FACT CHECK में सामने आई सच्चाई

पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस (CoronaVirus) से जूझ रही है। इस महामारी की शुरुआत चीन (China) से हुई है। इधर भारत ने चीन की गलवान घाटी (Galwan Valley) में सीमा रेखा तोड़ने की हरकतों को देखते हुए कई चीनी एप बैन (Chinese Apps Ban) कर दिए हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर अब नकली चीनी अंडों का वीडियो और तस्वीरें वायरल हो रही हैं।  

27

वायरल पोस्ट क्या है? 

 

Bittu Sharma नाम के फेसबुक यूजर ने इस वीडियो को शेयर किया है। इस वीडियो में कुछ लोग अंडे के आकार के सांचे में सफेद रंग का कुछ भरते हुए दिख रहे हैं। इस पोस्ट के कैप्शन में लिखा है, ‘अँडे कैसे बनते हैं देख लो किसी जान पहचान वाले से ही ख़रीदें
 

37

*बेड़ा गर्क हो इस CHINA का *’। यहां इस पोस्ट के कैप्शन को ज्यों का त्यों लिखा गया है जो फेसबुक पर भी वायरल है।
 

47

फैक्ट चेक 

 

हमने InVid टूल पर इस वीडियो का लिंक डाल अपनी पड़ताल की। InVid टूल की मदद से मिले वीडियो के स्क्रीनशॉट्स पर हमने गूगल रिवर्स इमेज सर्च का इस्तेमाल किया। हमें पता चला कि यह वीडियो 2017 से ही शेयर किया जा रहा है।

 

हमने आगे मैग्निफायर टूल की मदद से देखा तो हमें एक लेबल दिखाई पड़ा। ये लेबल एक कोरियाई कंपनी से जुड़ा है, जो अलग-अलग ऑनलाइन साइट्स पर स्लाइम बेचती है। यह पोच्ड अंडे की तरह दिखता है, लेकिन असल में ये एक प्रैंक टॉय (खिलौना) है, जिसे खाया नहीं जा सकता। नीचे के स्क्रीनशॉट में इसे देखा जा सकता है।

57

पड़ताल के दौरान हमें फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) का आधिकारिक नोटिफिकेशन भी मिला। उन्होंने कथित फर्जी अंडों से जुड़े इस दावे का खंडन किया है। FSSAI ने इसके साथ ऐसे ही कई भ्रामक दावों का खंडन कर रखा है। 

 

FSSAI के मुताबिक, ‘ऐसी कोई टेक्नोलॉजी या केमिकल उपलब्ध नहीं है, जिससे पूरा का पूरा अंडा बनाया जा सके। ये प्रक्रिया आर्थिक रूप से भी व्यावहारिक नहीं है, क्योंकि असली अंडे आसानी से और बेहद सस्ते में उपलब्ध हैं।’
 

67

FSSA के ज्वाइंट डायरेक्टर (स्टैंडर्ड) डॉक्टर एसी मिश्रा ने बताया, ‘ये फर्जी वीडियो है। इसे कई सालों से शेयर किया जा रहा है। अंडे की मोटी झिल्ली असल में इसके ताजा होने का लक्षण है। जब अंडा ताजा होता है तो एवोपोरेशन (वाष्पीकरण) से दोनों झिल्लियों (बाहर और अंदर की परत) को अलग करने के लिए ज्यादा वक्त नहीं लगता। ऐसे में ये एक-दूसरे से चिपकी होती हैं।

 

यही वजह कि छीलने पर ये मोटी और मजबूत दिखती हैं। अगर अंडा 15 दिन से ज्यादा पुराना हो गया है तो इसके अंदर के लेयर की झिल्ली कठोर और लोचदार हो सकती है, जो एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। वायरल वीडियो फर्जी है। ऐसी कोई टेक्नोलॉजी नहीं है, जिससे प्राकृतिक अंडा बनाया जा सके।’
 

77

ये निकला नतीजा 

 

ये चीन से आने वाले नकली या आर्टिफिशियल अंडे नहीं हैं। ये प्रैंक टॉय हैं, जिन्हें खाया नहीं जाता। फर्जी पोस्ट औऱ वीडियो पर भरोसा कर परेशान न हों। 

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos