अरविंद केजरीवाल को लेकर वायरल हो रही है ये शर्मनाक खबर, भरोसा करने से पहले जान लें सच्चाई
नई दिल्ली. राजधानी में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सोशल मीडिया पर एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। एक अखबार की कटिंग वायरल हो रही है जिसमें खबर है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बलात्कार के आरोपी रहे हैं। इस पोस्ट को दिल्ली सीएम के खिलाफ जमकर शेयर किया जा रहा है। लोगों का कहना है कि अपनी इंजीनियरिंग के दौरान अरविंद केजरीवाल ने एक छात्रा ने बलात्कार के आरोप लगाए थे। इस अखबार की कटिंग से सनसनी मची हुई है हर कोई जानना चाहता है कि आखिर इस बात में कितनी सच्चाई है?
Asianet News Hindi | Published : Jan 30, 2020 6:38 AM IST / Updated: Jan 30 2020, 12:12 PM IST
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 की वोटिंग 8 फरवरी को होनी है वहीं 11 को नतीजे घोषित किए जाएंगे। आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल एक बार फिर दिल्ली की जंग जीतने को एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। वहा लगातार प्रचार-प्रसार में लगे हुए हैं। ऐसे में उन पर महिला उत्पीड़न के लगे ये आरोप से सोशल मीडिया पर कोहराम मचा हुआ है।
टेलीग्राफ अखबर की एक कटिंग के साथ नेशन फर्स्ट फेसबुक पेज पर एक पोस्ट सामने आई है जिसमें दावा किया गया है कि, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT),खड़गपुर में इंजीनियरिंग के दौरान बलात्कार के मामले में आरोपी थे।
रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार, 8 जून, 1987 की डेटलाइन है जिसमें लिखा है कि, उस समय 'आईआईटी की छात्रा ने एक छात्र पर बलात्कार का आरोप लगाया था। ये एक स्थानीय लड़की थी जिसका 19 वर्षीय छात्र ने यौन उत्पीड़न किया था। आरोपी की पहचान अरविंद केजरीवाल के रूप में हुई थी। लड़की की शिकायत दर्ज करने के बाद केजरीवाल को स्थानीय पुलिस ने हिरासत में लिया था। हालांकि ट्विटर, फेसबुक पर वायरल हो रही ये पोस्ट की फैक्ट चेकिंग में सारा पोल खुल गई।
आप नेता अरविंद केजरीवाल ने 1980 के दशक में बीटेक डिग्री के साथ IIT खड़गपुर से स्नातक किया। पर उन पर लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोप की ये खबर सच नहीं है। अखबार की इस खबर में ढेरों वर्तनी की गलतियां हैं। हमने एक ऑनलाइन समाचार पत्र क्लिप जेनरेटर में देखा जिसके इस्तेमाल से ऐसे फेक न्यूज क्लिप आसानी से बनाए जा सकते हैं। ऐसे सैकड़ों टूल्स और वेबसाइट हैं जिनके माध्यम से शीर्षक और तारीख के साथ समाचार पत्र क्लिप क्रिएट किए जा सकते हैं।
8 फरवरी को होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए फर्जी अखबार की क्लिप फिर से शुरू हो गई है। फेसबुक पर प्रासंगिक कीवर्ड की खोज के बाद, हमने पाया कि यह क्लिप 2016 में भी वायरल हुई थी। 2018 में ये क्लिप सोशल मीडिया पर फिर से सामने आई थी।