नहीं, दिल्ली में मस्जिद पर भीड़ ने भगवा नहीं लहराया; वायरल हो रहे इस वीडियो की कहानी दूसरी है

Published : Feb 26, 2020, 12:21 PM ISTUpdated : Feb 26, 2020, 01:22 PM IST

नई दिल्ली. नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के समर्थन में और विरोध के नाम पर दिल्ली में हिंसक घटनाएं सामने आ रही हैं। 24 फरवरी से दिल्ली में हिंसा भड़की थी और अब तक हिंसा में मरने वालों की संख्या 20 तक जा पहुंची है। करीब 200 से ज्यादा लोग जख्मी हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर दिल्ली की हिंसा को लेकर कई अफवाहें भी फैलाई जा रही हैं। 

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नहीं, दिल्ली में मस्जिद पर भीड़ ने भगवा नहीं लहराया; वायरल हो रहे इस वीडियो की कहानी दूसरी है
कुछ तस्वीरों और वीडियो को गलत दावों के साथ सर्कुलेट किया जा रहा है। ऐसा ही एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कुछ लोग मस्जिद पर भगवा झंडा फहराने उसके गुंबद पर चढ़ते नजर आ रहे हैं। वीडियो को दिल्ली दंगे से जोड़कर शेयर किया जा रहा है। फैक्ट चेक में आइए जानते हैं संबंधित दावे के साथ वायरल रहे वीडियो की पूरी सच्चाई क्या है...
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दिल्ली में दंगे के बाद से बहुत से सोशल मीडिया यूजर्स ने इस वीडियो को शेयर किया। इस वीडियो के आधार पर दावा किया कि दिल्ली के अशोक विहार में उपद्रवियों ने एक मस्जिद में तोड़फोड़ की। (प्रतीकात्मक फोटो)
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आग लगा दी और मस्जिद की गुंबद पर तिरंगा और भगवा झंडा फहरा दिया। ये बिहार के पुराना वीडियो का स्क्रीन शॉट है।
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दावा किया गया कि दिल्ली दंगे में कई जगहों पर मस्जिद और मजार में तोड़फोड़ की गई। आगजनी जैसी वारदात के अलावा मस्जिदों में भगवा और तिरंगा फहराए जाने की अफवाह भी सामने आई है। बहुत से लोगों ने ये वारदात अशोक विहार में होने का दावा किया। हालांकि बाद में कुछ लोगों ने अशोक नगर में होने की बात कही।
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हमने वायरल वीडियो की जांच की तो पता चला ये वीडियो बिहार के समस्तीपुर में हुई हिंसा का करीब दो साल पुराना वीडियो है। इसे अब दिल्ली हिंसा से जोड़कर शेयर किया जा रहा है। फर्जी दावों के साथ लोग इस वीडियो को शेयर कर रहे हैं। जबकि घटना साल 2018 में बिहार की है। तब वहां एक मस्जिद पर उपद्रवियों ने भगवा झंडा लगा दिया था।
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दिल्ली के अशोक नगर में उपद्रव का मामला दूसरा है। जिसे पहले लोग अशोक विहार कहकर शेयर कर रहे थे। बहरहाल ये कहा जा सकता है, दिल्ली दंगे के बीच लोग सोशल मीडिया पर पुराने सांप्रदायिक वीडियो को फर्जी दावों के साथ साझा कर रहे हैं।
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सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील किसी भी तरह के वीडियो को साझा करने से पहले उसे जांच लें। (प्रतीकात्मक फोटो(

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